जयपुर। मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में मंगलवार, 16 फरवरी को शासन सचिवालय में आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग की राज्य कार्यकारी समिति की हुई बैठक में आपदा प्रबंधन व्यवस्था को सुदृढ़ करने और राहत प्रकरणों के निस्तारण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
आर्य ने स्वायत्त शासन विभाग को बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के लिए जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, भिवाड़ी एवं कोटा में स्वीकृत हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफॉर्म शीघ्र खरीदने और अजमेर, बीकानेर सहित राज्य के अन्य शहरों में आवश्यकता का अध्ययन कराकर प्रस्ताव बनाने के साथ ही इसे इंटीग्रेटेड इमरजेंसी रिस्पोंस सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) से कनेक्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने 200 अग्निशमन वाहनों की क्रय प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश दिए।
बैठक में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के हर मंडल को 4 गुणा 4 वाहन उपलब्ध कराने, सभी जिलों में एक-एक एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस खरीदने, सूखे की घोषणा के लिए मोबाइल एप के माध्यम से ग्राउंड ट्रूथिंग कराने का निर्णय लिया गया। अग्निशमन केन्द्रों, राजकीय अस्पतालों और सरकारी कार्यालयों में नागरिक सुरक्षा के प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की प्राथमिकता से तैनाती करने पर सहमति व्यक्त की गई।
आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनन्द कुमार ने बताया कि एनडीआरएफ-एसडीआरएफ फंड से जिलों को सूखा राहत के लिए 320 करोड़, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि एवं टिड्डी के लिए 567 करोड़ तथा कोविड-19 बचाव के लिए 658 करोड़ सहित 1546 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। संयुक्त शासन सचिव कल्पना अग्रवाल ने बताया कि भीलवाड़ा एवं डूंगरपुर ने खोज एवं बचाव, बाढ़ बचाव तथा अग्निशमन उपकरण खरीद लिए हैं, जबकि अन्य जिलों में खरीद प्रक्रिया चल रही है।