जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर की अग्रिम जमानत अर्जी सोमवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में खारिज हो गई। गुर्जर के खिलाफ करौली के कोतवाली थाने में स्वास्थ्य निरीक्षक को घर बुलाकर गाली-गलौच करने व थप्पड़ मारने का मामला दर्ज है। इसके बाद करौली पुलिस ने राजाराम को उनके जयपुर स्थित आवास से हिरासत में ले लिया। पुलिस गुर्जर को हिरासत में लेकर करौली के लिए रवाना हो गई। उल्लेखनीय है कि सौम्या गुर्जर के चुनावों के दौरान भी राजाराम गुर्जर के खिलाफ आपराधिक मामले चर्चा में रहे थे।
जानकारी के अनुसार राजाराम गुर्जर ने स्वास्थ्य निरीक्षक मुकेश कुमार सैनी और पिंटूराम मीणा को अपने घर बुलाया था। इन दोनों पर राजाराम की ओर से 190 श्रमिकों के स्थान पर 340 श्रमिकों की हाजिरी प्रमाणीकरण का दबाव बनाया गया, जबकि इस मामले में मुकेश की ओर से नगर परिषद आयुक्त शंभू लाल मीणा की नियमित रिपोर्ट पेश की जा चुकी थी।
विरोध करने पर मुकेश के साथ मारपीट और गालीगलौच की गई। इस मामले में मुकेश की ओर से 13 नवंबर 2019 को थाना कोतवाली में मुकद्दमा दर्ज कराया गया था। पुलिस जांच में राजाराम के खिलाफ और भी कई मामले सामने आए। इस पर पुलिस ने सभी मामलों को एक साथ कर दिया गया था। गुर्जर की ओर से इन मामलों में उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई थी लेकिन न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
उधर हिरासत में लिए जाने से पूर्व राजाराम गुर्जर ने ट्वीट कर अपनी सफाई पेश की और कहा कि सभापति रहते हुए मैने करौली में जो विकास कार्य किए, वह वहां की जनता जानती है। कुछ लोग मेरे द्वारा किए गए कार्यों को पचा नहीं पा रहे हैं। राजनीतिक द्वेष के कारण मुझे फंसाया गया है। सरकार और पुलिस ने षडय़ंत्र रचकर मुझे हिरासत में लिया है। मेरे खिलाफ दर्ज यह मामला पूरी तरह से झूंठा है।