जयपुरराजनीति

सूत न कपास, जुलाहों में लट्ठमलट्ठा, जयपुर नगर निगम ग्रेटर के 4 भाजपा गुट में पॉवर सेंटर बनने की होड़ शुरू

राजस्थान प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में चर्चा चल रही है कि अगले विधानसभा चुनावों में जयपुर के सभी विधायकों और विधायक प्रत्याशियों को बदला जाएगा। हालांकि अभी यह सिर्फ चर्चा ही है, संगठन की ओर से कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन, इस चर्चा के बाद से ही शहर भाजपा में राजनीति तेज हो गई है। यहां तक कि नगर निगम ग्रेटर के भाजपा पार्षदों की गुटबाजी भी शुरू हो गई है। कुछ लोग निगम में पॉवर सेंटर बनने में जुटे हैं और स्थितियां सूत न कपास, जुलाहों में लट्ठम-लट्ठा जैसी बन गई है।

ग्रेटर की गुटबाजी इस समय सुर्खियों में बनी हुई है। निगम सूत्रों का कहना है कि ग्रेटर में इस समय महापौर सौम्या गुर्जर, उप महापौर पुनीत कर्णावट, पूर्व महापौर और विधायक अशोक लाहोटी और वरिष्ठ पार्षद राखी राठौड़ के गुट चर्चा में है। कहा जा रहा है कि महापौर सौम्या गुर्जर ने तुरत-फुरत में समितियों का निर्माण कर, पार्षदों का भत्ता बढ़ाने व अन्य कई घोषणाएं कर पार्षदों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की लेकिन सरकार ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। करौली में उनके द्वारा किए गए शक्ति प्रदर्शन में साफ हो गया कि उनके साथ कितने पार्षद हैं। करौली के हल्लाबोल में जयपुर के 12 पार्षदों के शामिल होने की सूचना है।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि गुर्जर की नजर करौली के साथ-साथ जयपुर की सांगानेर और मालवीय नगर विधानसभा सीट पर है। गुर्जर की जयपुर पर इसलिए नजर है क्योंकि करौली की सीट आज तक कभी भाजपा नहीं जीत पाई है। यहां से कांग्रेस या बसपा ही चुनकर आती रही है। ऐसे में वह चाहती है कि करौली में उनके पति राजाराम गुर्जर को टिकट मिल जाए और जयपुर से उन्हें टिकट मिल जाए, ताकि दोनों में से कोई एक तो विधायक बन जाए।

ग्रेटर में महापौर का पद पहली बार पार्षद बनी सौम्या गुर्जर को मिला तो भाजपा में बात उठी की पहली बार पार्षद चुनी गई महिला क्या महापौर का पद संभाल पाएगी? ऐसे में वरिष्ठ कार्यकर्ता पुनीत कर्णावट को उपमहापौर बनाया गया, ताकि महापौर नाम की रह जाए और निगम का सारा काम उप महापौर संभाले। लेकिन, ऐसा नहीं हो पाया और सौम्या गुर्जर ने पूरे निगम को अपने होल्ड में ले लिया।

सूत्र कह रहे हैं कि ऐसी परिस्थितियों में कर्णावट ने भी अपना ध्यान अब अगले विधानसभा चुनावों की ओर लगा दिया है। वह चाहते हैं कि जैन समाज के प्रतिनिधि के तौर पर उन्हें मालवीय नगर सीट से उम्मीदवार बना दिया जाए। इसी के चलते वह अधिक से अधिक पार्षदों को अपने पक्ष में करके पॉवर सेंटर बनना चाहते हैं।

भाजपा में कहा जा रहा है कि यदि टिकट के लिए घमासान होता है, तो सबसे ज्यादा घमासान मालवीय नगर में ही होगा क्योंकि जैन समाज के प्रतिनिधि के तौर पर इस सीट पर पूर्व शहर अध्यक्ष सुनील कोठारी और संजय जैन की भी नजर है। ब्राह्मणवर्ग से वर्तमान जिलाध्यक्ष राधव शर्मा और पूर्व चेयरमैन व वरिष्ठ कार्यकर्ता अनिल शर्मा की भी दावेदारी इस सीट पर आ रही है।

अनिल शर्मा ने दो दिन पूर्व ही अपने जन्मदिन पर विधानसभा क्षेत्र में कई जगहों पर कार्यक्रम आयोजित कर अपनी ताकत का अहसास करा दिया है। पिछले बोर्ड में शर्मा को सबसे ज्यादा एक्टिव पार्षद माना जाता था और उन्होंने काम के मामले में अपने सभी टार्गेट को पूरा किया था, इसलिए क्षेत्र में उनकी एक अलग ही पहचान है।

सूत्र बता रहे हैं कि तीसरा गुट तीन बार की पार्षद राखी राठौड़ का है। सूत्रों का कहना है कि राठौड़ भी इस बार विधानसभा टिकट के लिए दावेदार हैं और वह झोटवाड़ा, विद्याधर नगर से टिकट की दावेदारी कर सकती है। यदि यहां से उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह सिविल लाइंस से दावेदारी कर सकती है। उनकी इस दावेदारी से पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत भी असहज हो रहे हैं।

ग्रेटर में चौथा गुट पूर्व महापौर और विधायक अशोक लाहोटी का है। कहा जा रहा है कि लाहोटी अपनी सीट बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पार्षदों का समर्थन रखना चाहते हैं। लाहोटी को भाजपा के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी से डर है, क्योंकि तिवाड़ी की भाजपा में फिर से वापसी हो गई है और लाहोटी को अपनी सीट संकट में दिखाई दे रही है।

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