कोरोना लॉकडाउन के बावजूद राजस्थान के खान विभाग ने समाप्त हुए वित्त वर्ष 2020-21 में गत वर्ष की तुलना में करीब साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए का अधिक राजस्व अर्जित किया है। राज्य के खान एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया है कि आरंभिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 के दौरान खनन विभाग ने 4920 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित किया, जबकि वर्ष 2019-20 मेें खनन विभाग ने 4576 करोड़ 84 लाख रुपए का राजस्व अर्जित किया था।
भाया ने बताया कि लॉकडाउन के कारण प्रभावित खनन गतिविधियों को प्रोटोकाल की पालना कराते हुए पटरी पर लाना मुश्किल भरा काम होने के बावजूद विभाग ने योजनाबद्ध तरीके से खनन गतिविधियों के संचालन के कदम उठाए हैं। एक ओर खनन गतिविधियों को पुन: संचालित करने के प्रयास किए वहीं खोज व खनन कार्य को गति दी गई। इसी दिशा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों बजरी के विकल्प के रूप में एम सेंड पॉलिसी जारी की और पोटाश की खोज के लिए एमईसीएल के साथ एमओयू किया।
प्रमुख सचिव, खनन अजिताभ शर्मा ने बताया कि कोरोना के कारण रुकी खनन गतिविधियों को शुरू कराने, राजस्व छीजत पर प्रभावी रोक लगाने और राजस्व संग्रहण की नियमित मॉनिटरिंग के कारण समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पिछले साल की तुलना में अधिक राजस्व मिला। अप्रेल 2019 के 251 करोड 23 लाख रुपए के राजस्व की तुलना में अप्रेल 2020 में मात्र 37 करोड 43 लाख का राजस्व अर्जित हुआ, जो 85 प्रतिशत से कम था।
इसके बाद मई 2020 में भी 39.33 फीसदी कम राजस्व प्राप्त हुआ। राजस्व संग्रहण की नियमित मॉनिटरिंग का परिणाम रहा कि जून 20 तक 333 करोड़ रुपए से भी कम प्राप्त राजस्व दिसंबर तक पिछले साल की तुलना में करीब 50 करोड़ रुपए अधिक हो गया और मार्च 21 में 42.53 प्रतिशत की उंची छलांग लगाते हुए राजस्व संगृहीत किया गया। आरंभिक सूचनाओं के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 की तुलना में 2020-21 में समग्र रूप से करीब साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए अधिक संगृहीत किया गया। विभाग द्वारा 4920.42 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित किया गया है।
शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण 1 अप्रेल को खनन गतिविधियों के लगभग बंद होने के कारण ई-रवन्ना की संख्या औसतन प्रतिदिन 125-130 प्रतिदिन के न्यूनतम स्तर पर आ गई थी, जिसे औसतन लगभग 33 हजार प्रतिदिन पर लाया गया। राजस्थान देश का प्रमुख खनिज बहुल प्रदेश है और राज्य में लेड, जिंक, रॉक फास्फेट, आयरन ओर, कॉपर, सिल्वर, लाइम स्टोन आदि के साथ ही सेंड स्टोन, मार्बल, ग्रेनाइट, मैसेनरी स्टोन, सोप स्टोन, फेल्सपार आदि का खनन हो रहा हैं।
शर्मा ने बताया कि राज्य में करीब 15 हजार खनन लीज जारी है। कोविड-19 को देखते हुए खनन गतिविधियों में भी केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी हेल्थ प्रोटोकॉल व एडवाइजरी की पालना सुनिश्चित कराने की सख्त हिदायत है। विभाग द्वारा राजस्व बढ़ोतरी के प्रयास और छीजत पर रोक के लिए नियमित समीक्षा भी की गई।