राजस्थान में कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों और उनके परिजनों को आ रही समस्याओं के तुरंत निदान और अस्पतालों की व्यवस्थाओं को और दुरुस्त किया जाएगा। राज्य के के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने इसके लिए प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों और नियंत्रकों को विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं।
शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और सभी राजकीय अस्पताल पूरी क्षमता के साथ मरीजों को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं। संक्रमण में बढ़ोतरी के चलते कई जगहों पर मरीज व उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए संबंधित मेडिकल कॉलेजों से संबंधित अस्पतालों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है।
चिकित्सा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार कोविड डेडिकेटेड सभी अस्पतालों में ऐसा ट्राइएज एरिया विकसित करने के निर्देश दिए हैं, जहां आने वाले नए मरीज को भर्ती करने से पहले चिकित्सक जांच लें। होम आइसोलेशन की जरूरत होने पर उन्हें उचित परामर्श दें और गंभीर स्थिति होने पर तुरंत अस्पताल में भर्ती करना सुनिश्चित करें। उन्होंने इस एरिया में पाइपलाइन से ऑक्सीजन सप्लाई, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर आदि की भी व्यवस्था रखने के भी निर्देश दिए हैं।
गालरिया ने सभी निजी और राजकीय अस्पतालों में प्रतिदिन रिक्त होने वाले बेड की सूचना प्रतिदिन राजकोविड इन्फो पोर्टल पर अपडेट करने और संबंधित सूचना अस्पताल के वेटिंग एरिया में प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिए हैं ताकि आमजन को रिक्त बेड से संबंधित जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि भर्ती होने वाले सभी मरीजों की अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक प्रतिदिन जांच करें ताकि मरीज व उनके परिजनों को विश्वास बना रहे।
गालरिया ने कहा कि अस्पताल के प्रभारी स्वयं दिन में एक बार वार्डों का निरीक्षण करेंगे और जरूरत पड़ने पर मरीजों के उपचार में भी बदलाव करें। उन्होंने कहा कि इसके अलावा रेजिडेंट या वरिष्ठ रेजीडेंट भी प्रतिदिन वार्डों का निरीक्षण करेंगे और मरीजों की समस्याओं का तुरंत निदान करने का प्रयास किया जाएगा। सभी कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में ‘राउंड द क्लॉक‘ चिकित्सकों की ड्यूटी लगाने और मरीजों को किसी भी आपातकालीन स्थिति में उपचार उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा।