जयपुर

नगर निगम जयपुर हैरिटेज के बोर्ड पर संकट के बादल छाए तो हरकत में आए विधायक (legislators), निर्दलीय पार्षदों (independent corporators) की चेतावनी के बाद कमेटियां बनाने पर बनी सहमति, हैरिटेज निगम में बनेगी 24 समितियां

जयपुर नगर निगम हैरिटेज में 24 कार्यकारी समितियों का निर्माण हो सकता है। हैरिटेज निगम में लंबे समय से समितियों का निर्माण अटका हुआ था, लेकिन अब विधायकों (legislators)में हुई सहमति के अनुसार चारों विधानसभा क्षेत्रों से छह-छह समितियों का निर्माण किया जाएगा। कुछ निर्दलीय पार्षदों को भी चेयरमैन बनाया जा सकता है।

जानकारी के अनुसार निर्दलीय पार्षदों की चेतावनी को देखते हुए गुरुवार को हैरिटेज के चारों विधायकों परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, मुख्य सचेतक महेश जोशी, रफीक खान और अमीन कागजी ने बैठक कर इस मामले में चर्चा की और सूत्रों का कहना है कि बैठक में चारों विधायकों के बीच समितियों के निर्माण के लिए सहमति बन गई।

सूत्रों का कहना है कि चेयरमैन बनाने को लेकर पहले भी कई बैठकें हो चुकी है, लेकिन सभी विधायक अपने-अपने पार्षदों को प्रमुख समितियां दिलाना चाहते थे, जिससे अभी तक समिति निर्माण के लिए सहमति नहीं बन पा रही थी।

हैरिटेज में समितियों का निर्माण नहीं होने से निर्दलीय पार्षद काफी नाराज थे और चाहते हैं कि जल्द से जल्द समितियां बनाई जाएं। हैरिटेज बोर्ड द्वारा समिति निर्माण का समय निकल चुका है और अब यह मामला सरकार के पास लंबित पड़ा है। सरकार को ही अब समितियों का निर्माण करना है।

हैरिटेज बोर्ड बनने के दौरान कांग्रेस और भाजपा में काफी खींचतान हुई थी और निर्दलीय पार्षदों के कांग्रेस के पाले में जाने के कारण यहां कांग्रेस का बोर्ड बना था। बोर्ड बनने के बाद सभी निर्दलीय पार्षदों को आशा थी कि उन्हें चेयरमैन का पद मिलेगा, लेकिन चेयरमैन बनाने का मामला टलता गया और निर्दलीय पार्षदों में भारी रोष व्याप्त हो गया।

सहमति के बावजूद हो सकता है विवाद
सूत्रों का कहना है कि सभी निर्दलीय पार्षदों ने प्रमुख समितियों के चेयरमैन उनको बनाने की मांग उठा रखी है। अगर निर्दलीय पार्षदों को प्रमुख समितियों से वंचित रखा गया तो भविष्य में फिर विवाद होना संभव है। निर्दलीय पार्षदों का कहना है कि सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि बोर्ड भी सलामत रहे और निर्दलीय पार्षदों का सम्मान भी बरकरार रहे।

उपचुनाव की तैयारी, निर्दलीय पड़ न जाएं भारी
सूत्रों का कहना है कि हाल ही में हैरिटेज के दो पार्षदों का असामयिक निधन हो चुका है। इनमें एक भाजपा के तो एक कांग्रेस की पार्षद हैं। छह महीने बाद इन दोनों सीटों के लिए उपचुनाव होंगे और कांग्रेस हैरिटेज में आपने बोर्ड को सुरक्षित बनाने के लिए इन दोनों सीटों को जीतने की अभी से ही जुगत लगा रही है, लेकिन निर्दलीय पार्षदों की नाराजगी कांग्रेस को कभी भी भारी पड़ सकती है, क्योंकि भाजपा लगातार इनपर नजर जमाए हुए है।

यह है पार्षदों का गणित
हैरिटेज बोर्ड में कांग्रेस के 47 पार्षद जीत कर आए थे और उन्हें 9 निर्दलीय पार्षदों का समर्थन मिला था, 56 पार्षदों के दम पर कांग्रेस ने हैरिटेज में बोर्ड बनाया। वहीं भाजपा के 42 पार्षद जीत कर आए थे और उन्हें 2 निर्दलियों का समर्थन प्राप्त है। हालांकि नियमों के अनुसार अभी बोर्ड के खिलाफ अभी अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है, लेकिन यदि इच्छित महत्व नहीं मिलने पर निर्दलीय पार्षद पाला बदलते हैं तो अन्य तरीकों से बोर्ड के सामने संकट खड़ा हो सकता है।

चेयरमैन बनेंगे, तो बोर्ड का काम बेहतर ढंग से होगा
वाड-65 से निर्दलीय पार्षद मोहम्मद जकारिया (शेरम) का कहना है कि बोर्ड में लंबे समय से चेयरमैनों की नियुक्तियों को टाला जा रहा है। सरकार को चेयरमैन बनाने हैं, इसलिए क्षेत्रीय विधायकों के सामने चेयरमैन बनाने की मांग उठाई गई है। निर्दलीय पार्षदों की वजह से बोर्ड बना है, इसलिए हम चेयरमैनशिप की मांग उठा रहे हैं। कोरोना काल में चेयरमैन बनाए जाते हैं, तो कार्यों का विकेंद्रीकरण होगा और बोर्ड के काम बेहतर ढंग से हो पाएंगे।

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