मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति (drug addiction) हमारे परिवार, समाज, प्रदेश एवं देश के लिए गम्भीर चिंता का विषय है। युवाओं को नशे की आदतों से दूर रखने एवं आमजन को तम्बाकू उत्पादों के दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक करने के लिए स्वयं सेवी संगठनों एवं नशामुक्ति (deaddiction) से जुड़े संस्थानों के सहयोग से जन आंदोलन के रूप में एक व्यापक अभियान चलाया जाए।
गहलोत सोमवार को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) के अवसर पर राज्य स्तरीय वर्चुअल आमुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष तम्बाकू निषेध दिवस मनाने के साथ-साथ हमें नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए गम्भीरता से जमीनी स्तर पर कार्य करना होगा। उन्होंने अपील की कि निरोगी राजस्थान का सपना साकार करने के लिए प्रदेशवासी बीड़ी, सिगरेट एवं तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करें तथा नई पीढ़ी को नशे की गिरफ्त में आने से बचाएं।
वर्तमान सरकार के एक साल पूरा होने पर दिसम्बर 2019 में प्रदेश में निरोगी राजस्थान अभियान शुरू किया था। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेशवासियों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर निरोगी बनने के लिए जागरूक करना था। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस फेफड़ों पर सर्वाधिक असर कर रहा है। ऐसे लोग जो धूम्रपान करते हैं अथवा तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते हैं, उन्हें कोरोना से फेफड़ों में संक्रमण का सर्वाधिक खतरा है। तम्बाकू से कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। तम्बाकू उत्पादों के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए हमारी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। हमारी पिछली सरकार के समय सिगरेट पर 65 प्रतिशत वैट लगाया गया था, जो देश के किसी भी राज्य में सर्वाधिक था।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेशभर में आईईसी (Information Education and Communication) गतिविधियों के माध्यम से तम्बाकू सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है। निरोगी राजस्थान अभियान के तहत नशामुक्ति पर चर्चा की जा रही है। जिला अस्पतालों में तम्बाकू मुक्ति उपचार एवं परामर्श केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों, शिक्षण संस्थानों एवं अस्पतालों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाई गई है। सरकार ने ई-सिगरेट एवं हुक्का बार पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया है।