नगर निगम जयपुर ग्रेटर की कार्यवाहक महापौर शील धाभाई पर हमले की खबर ने शनिवार, 26 जून की दोपहर हड़कंप मचा दिया। शुरुआत में सूचनाएं आईं कि महापौर पर हमला हुआ है। बाद में सामने आया कि उनके ड्राइवर पर हमला किया गया। आखिर में पुलिस के हवाले से बात सामने आई कि यह महापौर पर हमले का मामला नहीं था बल्कि कोई दूसरा ही मामला था। इस दौरान राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदला। धाभाई ने अपने विरोधियों पर हमले का बयान दिया। नगर निगम जयपुर हैरिटेज की कांग्रेसी महापौर मुनेश गुर्जर तुरंत धाभाई के घर पहुंच गई। लेकिन, भाजपा ने इस बार कोई चूक नहीं की और इस मामले में सीधे सरकार पर हमला बोल दिया।
उल्लेखनीय है कि दोपहर में सूचना आई कि शील धाभाई के घर के बाहर दो युवक पहुंचे थे, जिनके पास डंडे-सरिये थे। इस दौरान महापौर घर के अंदर थीं। कहा गया कि इन युवकों ने महापौर की कार पर अटैक किया और चालक पर भी हमले की कोशिश की। महापौर की सुरक्षा में तैनात होम गार्ड ने इनका पीछा किया और इनमें से एक युवक को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने मौके से पकड़े गए युवक को हिरासत में लिया और मौके से एक बिना नंबरी बाइक और एक सरिया बरामद किया है।
इस मामले के तुरंत बाद नगर निगम हैरिटेज की महापौर मुनेश गुर्जर धाभाई के घर पहुंच गईं। धाभाई ने इस दौरान मीडिया को बयान देकर खुद पर हमले की आशंका जताई। धाभाई ने कहा कि जिनको मुझसे परेशानी है या जिनके हित मुझसे टकरा रहे होंगे, वही ऐसा कर रहे होंगे। महापौर ने इस घटना के पीछे सीधे तौर पर विरोधियों का हाथ बताकर इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। मामले को पुख्ता करने के लिए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से उनकी रेकी की जा रही थी। उनके घर के आस-पास भी नजर रखी जा रही थी।
राजनीतिक हलकों में इस पूरे घटनाक्रम को सियासी ड्रामा कहा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि सोमवार, 28 जून को निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर के मामले में फैसला आने वाला है और उससे पूर्व सोची समझी रणनीति के तहत इस घटना को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि सौम्या गुर्जर मामले में उच्च न्यायालय में सुनवाई से पूर्व भी वीडियो और ऑडियो वायरल कर मामले को प्रभावित करने की कोशिश की गई थी, वहीं अब फैसले से पूर्व छोटी सी घटना को राजनीतिक रंग देकर फैसले को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।
जब इस मामले में राजनीति शुरू हुई तो भाजपा भी पीछे नहीं रही और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने बिना कोई चूक किए सरकार पर हमला बोल दिया। पूनिया ने ट्वीट कर इस मामले में गहलोत सरकार पर निशाना साध दिया। पूनिया ने ट्वीट में लिखा कि प्रदेश की राजधानी जयपुर की प्रथम नागरिक तक सुरक्षित नहीं है। यह गहलोत जी के अपराध राज की खुली बानगी है। जिनके राज में बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, जनप्रतिनिधि तक सुरक्षित नहीं है। कार्यवाहक महापौर के घर के बारह हुए हमले की घोर निंदा करता हूं।
उधर, इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि यह महापौर पर हमले का मामला नहीं है बल्कि छोटे-मोटे झगड़े का मामला है। जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने शाम को बयान जारी कर इस मामले के सभी तथ्यों से अवगत कराया कि स्कूटी चालकों से झगड़े के बाद यह युवक छिपने के लिए महापौर के घर के पास खाली पड़े प्लाट में छिपा था।