तकनीकी कारणों से पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा को नहीं मिली जमानत
प्रदेश बहुचर्चित भंवरी प्रकरण मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट ने 6 आरोपियों की जमानत याचिका को मंजूर की है। जबकि पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा को तकनीकी कारणों के चलते मंगलवार को जमानत नहीं मिल सकी। इस मामले में 23 अगस्त को वापिस सुनवाई होगी।
हाईकोर्ट में जस्टिस दिनेश मेहता की कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें अधिवक्ताओं ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से सभी आरोपी जेल में बंद है। ऐसे में उन्हें जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए। कोर्ट में सीबीआई की ओर से जमानत का विरोध किया गया।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने ओमप्रकाश, पुखराज, दिनेश, सहीराम, उमेशाराम व अशोक को जमानत के आदेश दिए, वही पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा को तकनीकी कारणों के जमानत नहीं मिल सकी। सीबीआई की ओर से कहा गया कि महिपाल मदेरणा पहले से ही अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं, ऐसे में अभी उन्हें नियमित जमानत का आदेश नहीं दिया जा सकता। जिस पर हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की जमानत याचिका पर 23 अगस्त को सुनवाई करने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने कहा था कि हम मानते है कि यह मामला बेहद गंभीर व जघन्य अपराध से जुड़ा है, लेकिन ट्रायल में हो रहे विलम्ब के कारण किसी आरोपी को अनिश्चितकाल के लिए जेल में बंद रखना उचित नहीं होगा। ऐसे में हम सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ट्रायल कोर्ट की टर्म एंड कडीशन के आधार पर जमानत प्रदान करते है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान की राजनीति में भूचाल लाने वाले भंवरी प्रकरण की जांच 15 अक्टूबर 2011 को सीबीआई को सौंपी गई। तब तक पुलिस इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी थी। बाद में सीबीआई ने जांच शुरू की। इस मामले में कुल 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया।