महंत नरेश पुरी गोस्वामी (Mahant Naresh Puri Goswami) को संत एवं पंच पटेलों की सर्वसम्मति से चादर पोशी कर विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ मेहंदीपुर बालाजी (Mehandipur Balaji) प्रधान महंत (Pradhan Mahant)की गद्दी के पद पर आसीन कर दिया गया है। गद्दी पर आसीन किये जाने के लिए शनिवार, 21 अगस्त को मेहंदीपुर बालाजी आरती हॉल में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में पहले संत परंपरा के अनुसार पंडितों ने वैदिक मंत्रोचार के साथ विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना संपन्न कराई। इसके बाद महंत परिवार, अयोध्या के हनुमानगढ़ी के आचार्य, राजगढ़ अलवर धाम से महंत श्याम भारती, दिल्ली से पधारे अखिल भारतीय दशनाम गोस्वामी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. महेश गिरी, राजस्थान दशनाम गोस्वामी सभा समिति के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल भारती, युवा अध्यक्ष विनोद गिरी, पूर्व प्रधान नंदलाल गुसाईं सहित अनेक संत महात्माओं के सानिध्य में उदयपुरा सहित दर्जनों गांव के पंच पटेलों, सर्व समाज सामाजिक व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों अनेक महामंडलेश्वरों के बीच महंत नरेश पुरी जी की चादरपोशी की गयी। इस मौके पर दशनाम गोस्वामी समाज के राष्ट्रीय सचिव हंसराज गोस्वामी, चूरू जिलाध्यक्ष सावर गोस्वामी, धौलपुर जिलाध्यक्ष वेध वासुदेव गोस्वामी, भरतपुर जिलाध्यक्ष रामनिवास गोस्वामी, प्रदेश महामंत्री जसराम गोस्वामी, महंत श्याम भारती जी के शिष्य अमन भारती चूरू जिला युवा अध्यक्ष दौलत गोस्वामी, दिल्ली से सचिव रोशन गोस्वामी उपस्थित थे। सभी संत महात्माओं की उपस्थिति में महंत नरेश पुरी जी को विधिवत रूप से प्रधान महंत घोषित किया गया। संत समाज मेहंदीपुर बालाजी ट्रस्ट के साथ इस अवसर पर दशनाम गोस्वामी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ महेश गिरि ने कहा कि पृरे देश भर का गोस्वामी समाज, संत,अखाड़े आदि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर महंत ट्रस्ट के साथ हैं। उन्होंने तगा कि इन परिस्थितियों में राज्य सरकार की किसी भी अवैधानिक कार्यवाही के विरुद्ध येसभी संत और महात्मा सड़क पर भी उतर कर आंदोलन के लिए तैयार हैं। प्रदेश अध्यक्ष महंत बाबू भारती ने कहा कि बालाजी मंदिर ट्रस्ट ने जनकल्याण के अनेकों कार्य किये है और जनहितकारी कार्यक्रम हमेशा से जारी हैं। बालिका शिक्षा, चिकित्सा कार्य सहित अनेक संस्थाएं, आईटीआई , बीएड, टेक्निकल कॉलेज का संचालन ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। ब्रह्मलीन महंत किशोर पुरी ने 45 वर्षों से जनहित, जनकल्याण के अनेक प्रकल्पों को चालू किया था जो आज भी व्यापक रूप से संचालित हैं।