कोटा जिले के उद्योग नगर थाना पुलिस ने किसी समय हाड़ौती व मेवाड़ पुलिस के लिए सिरदर्द बने कुख्यात गैंगस्टर भानुप्रताप सिंह गिरोह के वर्तमान सरगना व हार्डकोर अपराधी सुमेर सिंह (Notorious criminal) पुत्र दीप सिंह (49) निवासी महावीर नगर कोटा को जयपुर (Jaipur) के गोनेर के पास दांतली गांव से गिरफ्तार किया है। वह इटावा निवासी महेंद्र सिंह बनकर बनकर दांतली में सपरिवार किराये से रह रहा था और फरारी (Fugitive) काट रहा था।
उल्लेखनीय है कि सुमेर सिंह वर्तमान में सुमेर पर आईजी उदयपुर द्वारा 10 हजार व कोटा एसपी द्वारा 5 हजार रुपये का इनाम घोषित है। कोटा शहर एसपी विकास पाठक ने बताया कि हार्डकोर अपराधी के विरुद्ध उदयपुर, कोटा, चित्तौडग़ढ़ जिले में 28 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। कोटा शहर के थाना उद्योग नगर व चित्तौड़गढ़ के बेगूं थाने के मुकदमे में करीब 13 साल से फरार चल रहा है।
साल 2007-08 के आसपास हाड़ौती के कुख्यात गैंगस्टर भानुप्रताप सिंह का गिरोह दो गुटों में बंट गया था। एक गुट का नेतृत्व भानु प्रताप व दूसरे गुट का नेतृत्व लाला बैरागी कर रहा था। वर्चस्व की लड़ाई में भानु प्रताप ने अपने साथियों के साथ मिल कर 12 दिसंबर 2008 को गैंगस्टर लाला बैरागी की, थाना उद्योग नगर क्षेत्र के राजनगर तिराहे पर सरेआम गोलियों से भूनकर व तलवार से काटकर हत्या कर दी। इस हत्याकांड में 40 से अधिक फायर हुए थे।
इसके बाद इस केस के गवाह ब्रजराज सिंह उर्फ बबलू व उसके साथी जितेन्द्र सिंह उर्फ पिन्टू का 12 मई 2009 को मेनाल जिला चित्तौड़गढ़ के पास भानु प्रताप व उसके साथियों ने मर्डर कर दिया। इस हत्याकांड में लगभग 100 से ज्यादा फायर किये गये थे। इन दोनों बड़ी घटनाओं से हाड़ौती सहित पूरे राजस्थान के कई हिस्सों में इस गैंग का वर्चस्व बढ़ गया था। इन घटनाओं को चुनौती के तौर पर लेकर कोटा शहर पुलिस ने कई वांछित बदमाशों को गिरफ्तार किया।
इन दोनों घटनाओं में भानु प्रताप का साथी सुमेर सिंह राजावत भी शामिल था। पुलिस की धरपकड़ से घबरा कर सुमेर सिंह राजस्थान से बाहर फरारी काटने लग गया था तथा अपने सभी रिश्तेदारों व दोस्तों से सम्पर्क खत्म कर लिया था। 19 अप्रेल 2011 को प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर शिवराज सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर बिजोलिया जिला भीलवाड़ा में पुलिस हिरासत में गैंगस्टर भानुप्रताप सिंह की हत्या कर दी थी। उसके बाद सुमेर सिंह ही भानुप्रताप सिंह गैंग को संचालित कर रहा था। फरारी के दौरान वह सिल्वासा , अहमदाबाद, देहरादून व दिल्ली में रहा। पिछले कुछ सालों से उसने जयपुर को अपना ठिकाना बना लिया था।