जयपुर

4 जिलों पर कांग्रेस (congress) का कब्जा, सिरोही में भाजपा (BJP) को बहुमत, भरतपुर में सत्ता की चाबी बसपा (BSP) और निर्दलीयों के हाथ


200 सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस को 99, भाजपा को 90, बसपा को 3 और निर्दलीयों को 8 सीटें मिली

राजस्थान के 6 जिलों में तीन चरणों में हुए पंचायत व जिला परिषद चुनाव

कांग्रेस (congress) की गहलोत सरकार ने पंचायतराज चुनाव के दूसरे चरण में बड़ी जीत हासिल की है। राजस्थान के 6 जिलों जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर और सिरोही में तीन चरणों में हुए पंचायतीराज चुनावों में कांग्रेस ने 4 जिलों में बहुमत हासिल करते हुए जीत दर्ज की है। वहीं भाजपा (BJP) ने एकमात्र सिरोही जिला परिषद में बहुमत हासिल किया है।

ऐसे में अब जयपुर, जोधपुर, सवाई माधोपुर और दौसा में कांग्रेस का जिला प्रमुख बनेगा। वहीं सिरोही में भाजपा का जिला प्रमुख और भरतपुर जिला परिषद में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई है, लेकिन यहां किस पार्टी का जिला प्रमुख बनेगा यह निर्दलीय और बसपा (BSP) के रुख पर निर्भर करेगा।

राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक 6 जिलों की 200 सीटों के रिजल्ट घोषित हो गए है। इसमें भाजपा ने कुल 90, कांग्रेस ने 99, बसपा ने 3 और निर्दलीय ने 8 सीट पर जीत दर्ज की है। भरतपुर में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है, जिसने 37 में से 17 सीटे जीती है। जबकि कांग्रेस ने 14, निर्दलीय 4 और 2 बसपा के उम्मीदवार जीते है।

पूर्व में जयपुर और जोधपुर में भाजपा का बोर्ड था और जिला प्रमुख भी भाजपा के ही थे। लेकिन, इस बार इन दोनों जिलों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। सबसे बड़ी हार जोधपुर में हुई है। पूर्व में जोधपुर में भाजपा ने 28, कांग्रेस ने 9 सीटे जीती थी, जबकि इस बार भाजपा ने 16, कांग्रेस ने 21 सीटे जीती है। इसी तरह जयपुर में पूर्व में भाजपा ने 27, कांग्रेस ने 22 और 2 अन्य उम्मीदवार जीते थे, लेकिन इस बार बीजेपी ने 24 और कांग्रेस ने 27 सीटे जीती है।

पंचायत राज चुनाव में राज्य सरकार के ज्यादातर मंत्री अपना कौशल नहीं दिखा सके है। वहीं कई कांग्रेस व सरकार को समर्थन दे रहे विधायक भी असरदार नतीजे नहीं दिलवा सके। राजधानी जयपुर में सतीश पूनिया का ग्राफ बढ़ा है मगर कई जगह हुई हार ने आपसी फूट उजागर कर दी है। निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर इस चुनाव में पूरी तरह से चित हो गए हैं। उनका बेटा विकास चुनाव हार गया वहीं पुत्रवधु चुनाव जीती मगर वह बोर्ड नहीं बनवा पाएंगी। दूदू, मौजमाबाद व फागी में भाजपा का बोर्ड बनेगा।

सीएम के करीबी व निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा भी सिरोही के चुनाव में फेल रहे। मंत्री लालचंद कटारिया व राजेन्द्र यादव की स्थिति ठीक रही है। वहीं विधायकों में गंगादेवी का प्रर्दशन सही रहा। मंत्री भरोसी लाल जाटव की रिश्तेदार चुनाव जीत गई मगर कई जगह निर्दलीयों ने उसको कमजोर कर दिया।

पूर्व मंत्री नटवर सिंह के बेटे जगत सिंह चुनाव जीत गए है मगर आपसी कलह के चलते जिला प्रमुख बनने में अडचन आ सकती है। मंत्री ममता भूपेश व परसादी लाल मीणा की भी अच्छी जीत हुई है। वहीं सीएम के गृह नगर जोधपुर में कुछ जगहों को छोड़ कर आरएलपी मुख्य भूमिका में है। गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के प्रयास के चलते कांग्रेस के कई सदस्य जीते है। सवाईमाधोपुर में बामनवास में कांग्रेस विधायक इंद्रा मीणा की करारी हार हुई है।

चुनावी नतीजों के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शनिवार देर शाम अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में इस जीत का हकदार कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बताया है। डोटासरा ने कहा कि बीजेपी का घमंड टूट गया है, कांग्रेस सरकार के कार्यो पर जनता ने मुहर लगा दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विजन और सुशासन से प्रदेश की जनता खुश है इस लिए दूसरी बार पंचायत चुनाव में कांग्रेस को बडे स्तर पर जीत दिलाई है। कांग्रेस की बड़ी जीत पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रदेेश प्रभारी अजय माकन ने भी ट्वीट कर जीत की बधाई दी है।

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