राजस्थान (Rajasthan) में 20 जिलों (20 districts) की कुल 1656 किलोमीटर लंबी ग्रामीण, अन्य जिला एवं मुख्य जिला सड़कों को राज्य राजमार्गों (state highways) में बदला जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है।
गहलोत ने राज्य बजट में दूरदराज के क्षेत्रों को जोडऩे वाली ग्रामीण, अन्य जिला एवं मुख्य जिला सड़कों को राजमार्गों में क्रमोन्नत करने की घोषणा की थी। इसके तहत संबंधित जिलों से प्रस्ताव प्राप्त कर उन पर विचार और विश्लेषण के बाद कुल 1712 किलोमीटर से अधिक लम्बाई की सड़कों के क्रमोन्नयन को स्वीकृति दी गई है। लगभग 56 किलोमीटर लम्बाई में ओवरलैपिंग के चलते राज्य राजमार्ग घोषित होने वाली सड़कों की वास्तविक लम्बाई लगभग 1656 किलोमीटर है।
दौसा अलवर और सवाईमाधोपुर से गुजरने वाली 88 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों, भीलवाड़ा से राजसमंद होकर अजमेर जिले तक जाने वाली 75 किलोमीटर लम्बी सड़क, भीलवाड़ा से अजमेर होकर नागौर जिले तक जाने वाली 69 किलोमीटर लम्बी सड़क, कोटा और झालावाड़ से गुजरने वाली किलोमीटर सड़क तथा बारां से कोटा होकर झालावाड़ जिले तक जाने वाली 49 किलोमीटर लम्बी सड़क को भी राजमार्ग बनाया जाना प्रस्तावित है।
प्रस्ताव के अनुसार, बूंदी जिले में 152 किलोमीटर से अधिक लम्बाई की 21 सड़कों, झालावाड़ में 63 किलोमीटर लम्बी 14 सड़कों, बारा में 73 किलोमीटर लम्बी 5 सड़कों, पाली में 56 किलोमीटर लम्बी 4 सड़कों, टोंक जिले में 45 किलोमीटर लम्बी 6 सड़कों सहित बीकानेर में 93 किलोमीटर, जोधपुर में 28 किलोमीटर और जयपुर जिले में 15 किलोमीटर लम्बाई की एक-एक सड़क भी राज्य राजमार्ग घोषित की जाएंगी।
इसके अतिरिक्त बाड़मेर जिले में 181 किलोमीटर लम्बी दो सड़कें, 2 सवाईमाधोपुर और करौली से गुजरने वाली 199 किलोमीटर लम्बी दो सड़कें, 3 टोंक से सवाईमाधोपुर होकर करौली जिले तक जाने वाली 158 किलोमीटर लम्बी सड़क, 4 नागौर से अजमेर होकर जयपुर जिले तक जाने वाली 172 किलोमीटर लम्बी सड़क, 5 धौलपुर और करौली से गुजरने वाली 137 किलोमीटर लम्बी सड़क को भी राज्य राजमार्ग घोषित किया जाएगा।