बिना नाम लिए पाकिस्तान और चीन पर किया करारा प्रहार
एजेंसी। पीएम (Prime Minister) मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र (United Nations) महासभा के 76 वें सत्र को संबोधित करते हुए आचार्य चाणक्य (Chanakya) के एक श्लोक के साथ संयुक्त राष्ट्र को ही आईना दिखाया है। मोदी ने इस दौरान बिना नाम लिए आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान और विस्तारवाद को लेकर चीन पर भी करार प्रहार किया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम मोदी ने चाणक्य के शब्दों को याद किया। उन्होंने कहा कि चाणक्य ने सदियों पहले कहा था कि जब सही समय पर सही कार्य नहीं किया जाता तो, समय ही उस कार्य की सफलता को नाकाम कर देता है। संयुक्त राष्ट्र को खुद में सुधार करना होगा। कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इन सवालों को हमने कोरोना और आतंकवाद और अफगानिस्तान संकट में गहरा कर दिया है।
पीएम मोदी ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा कि दुनियाभर में चरमपंथ का खतरा बढ़ता जा रहा है। जो देश प्रतिगामी सोच के साथ आतंकवाद का राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें समझना होगा कि आतंकवाद, उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। मौजूदा वक्त में यह सुनिश्चित किया जाना बेहद ज़रूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए ना हो।
मोदी ने कहा कि हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा कि अफगानिस्तान कि नाजुक स्थितियों का इस्तेमाल कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश ना करने पाए। पीएम मोदी ने अफगानिस्तान को मदद की जरूरत भी बताई। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की महिलाओं को, बच्चों को, वहां के अल्पसंख्यकों को मदद की दरकार है। इसमें हम सबको अपना दायित्व निभाना ही होगा।
पीएम मोदी ने सबसे पहले कोरोना महामारी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ सालों से पूरा विश्व 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रहा है। ऐसी भयंकर महामारी में जान गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं और परिवारों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।
भारत की कोरोना वैक्सीन को लेकर पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को जानकारी देते हुए कहा कि भारत ने दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन विकसीत कर ली है, जिसे 12 साल से ज्यादा आयु के सभी लोगों को लगाया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने दुनियाभर के वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स को भी आमंत्रित किया कि आइए और भारत में वैक्सीन बनाइए।
मोदी ने कहा कि हमारी विविधता, हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है। एक ऐसा देश जिसमें दर्जनों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अलग-अलग रहन सहन, खान-पान है। ये वाइब्रेंट डेमोक्रेसी का उदाहरण है। मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जिसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव हासिल है।
यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा जो कभी एक रेलवे स्टेशन के टी स्टॉल पर अपने पिता की मदद करता था, वह आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर यूएनजीए को संबोधित कर रहा है। भारत में पिछले 7 साल में 43 करोड़ लोगों को बैंकिंग सेवा का लाभ मिला। पहली बार 6 लाख गांवों की ड्रोन मैपिंग हो रही है। भारत आगे बढ़ता है तो दुनिया आगे बढ़ती है। क्योंकि विश्व में हर छठवां व्यक्ति भारतीय मूल का है।
पीएम मोदी ने कहा कि हां, लोकतंत्र उद्धार कर सकता है। आज ‘एकात्म मानव दर्शन’ के प्रस्तावक पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती है, जिसका अर्थ है अभिन्न मानवतावाद या एक साथ ली गई विकास यात्रा, स्वयं से ब्रह्मांड तक विस्तार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र की हमारी हज़ारों वर्षों की महान परंपरा रही है। इस 15 अगस्त को भारत ने अपनी आज़ादी के 75 वें साल में प्रवेश किया।
पीएम मोदी ने कहा कि प्रदूषित पानी, भारत ही नहीं पूरे विश्व और खासकर गरीब और विकासशील देशों की बहुत बड़ी समस्या है। भारत में इस चुनौती से निपटने के लिए हम 17 करोड़ से अधिक घरों तक, पाइप से साफ पानी पहुंचाने का बहुत बड़ा अभियान चला रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के संबोधन का अंत पीएम मोदी ने रवीन्द्र नाथ टैगोर द्वारा रचित एक कविता से की। बंगाली भाषा में रवींद्र नाथ टैगोर की कविता पढ़ी। जिसके द्वारा उन्होंने दुनिया को संदेश दिया कि अच्छे काम करते समय कठिनाई आएंगी लेकिन नेक काम करते रहना चाहिए।