जयपुर

राजस्थान ब्राह्मण महासभा (Rajasthan Brahmin Mahasabha) के गर्ल्स हॉस्टल (girls hostel) का आवंटन (Allotment) निरस्त, आवासन मंडल (housing board) ने मांगा जमीन (land) और दुकानों (shops) का कब्जा

राजनीतिक रसूख से हॉस्टल में बनाया गया महालक्ष्मी मार्केट, निगम ने अवैध निर्माण का नोटिस देकर निर्माण स्वीकृति कर दी थी निरस्त

राजस्थान आवासन मंडल (Rajasthan housing board) की ओर से राजस्थान ब्राह्मण महासभा (Rajasthan Brahmin Mahasabha) को मालवीय नगर योजना में आवंटित 1147 वर्ग मीटर भूमि का आंवटन (Allotment) निरस्त कर दिया है। महासभा को यह भूमि स्कूल, छात्रावास, औषधालय और शिल्पकला निर्माण के लिए आवंटित की गई थी लेकिन यहां महासभा ने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए गर्ल्स हॉस्टल (girls hostel) के साथ महालक्ष्मी मार्केट का निर्माण करा दिया था।

राजस्थान ब्राह्मण महासभा द्वारा निर्माणाधीन गर्ल्स हॉस्टल

आवंटन पत्र की शर्तों के अनुसार आवंटित भूखंड का उसी कार्य के लिए होना चाहिए, जिसके लिए आवंटन किया गया है। अन्य किसी कार्य के लिए आवंटिज जमीन का उपयोग नहीं होगा और ना ही वाणिज्यिक लाभ के लिए जमीन का उपयोग हो सकता था। ऐसे में आवासन मंडल ने महासभा को मालवीय नगर सेक्टर-3 में आवंटित जमीन का आवंटन निरस्त किया गया है और महासभा को निर्देशित किया गया है कि इस भूमि को मय निर्मित भवन व दुकानों का कब्जा अविलंब मंडल को सुपुर्द किया जाए।

क्लियर न्यूज ने उठाया था मुद्दा
क्लियर न्यूज डॉट कॉम ने 3 दिसंबर 2020 को ‘राजस्थान सरकार के रियायती जमीन पर निर्देशों के बाद राजस्थान ब्राह्मण महासभा के छात्रावास पर गरमाएगी सियासत’खबर प्रकाशित कर बताया था कि गर्ल्स हॉस्टल के लिए आवंटित जमीन पर महासभा ने महालक्ष्मी मार्केट का निर्माण कर दिया है। यहां छात्रावास का निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही मार्केट का निर्माण कराया गया और उसका संचालन भी शुरू कर दिया गया। जमीन पर दुकानों का निर्माण, बिक्री और संचालन से समाज के लोग काफी नाराज थे और इस बाजार को छात्राओं की सुरक्षा के लिए खतरा माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा हैं।

निगम ने अवैध निर्माण का नोटिस देकर निर्माण स्वीकृति की रद्द
नगर निगम ग्रेटर के मालवीय नगर जोन की ओर से अवैध निर्माण होने पर महासभा के अध्यक्ष, सचिव और निर्माणकर्ता को नोटिस जारी किया गया था, जिसमें आरोप थे कि संस्थान को स्वीकृत नक्शे में कार पार्किंग के स्थान पर जीरो सैटबैक पर निर्माण कराया गया है, जो कि अवैध है। अवैध निर्माण होने पर भवन निर्माण की स्वीकृति शर्तों के अनुसार अपने आप निरस्त हो चुकी है। क्लियर न्यूज में खबर प्रकाशित होने के बाद ग्रेटर निगम ने यहां हॉस्टल निर्माण का कार्य रु कवा दिया था और यहां गार्ड बिठा दिए गए थे। अंतत: एक वर्ष बाद आवासन मंडल ने इस जमीन के आवंटन को निरस्त कर दिया।

Related posts

रत्नों की रंगत से आबाद रहने वाली गलियां अभी भी वीरान

admin

चुनाव पूर्व राजस्थान सरकार ने एक साथ किए 20 आईपीएस अफसरों के तबादले

Clearnews

कोरोना के कारण बदली-बदली नजर आएंगी विधानसभा की व्यवस्थाएं

admin