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राजस्थान (Rajasthan) में बहुप्रतीक्षित (much-awaited) मंत्रिमंडल का हुआ पुनर्गठन (reorganization), 15 विधायकों(MLAs) ने ली शपथ

राजस्थान (Rajasthan) में बहुप्रतीक्षित (much-awaited) कैबिनेट (cabinet) पुनर्गठन (reorganization) के तहत रविवार, 21 नवंबर को 15 विधायकों (MLAs) को राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में मंत्री पद की शपथ (oath)दिलायी। राज्य मंत्रिपरिषद विस्तार के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मंत्रिमंडल पुनर्गठन में सभी वर्गों को समान प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है, चाहे अनुसूचित जाति (SC) , जनजाति(ST) , अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) हो या अल्पसंख्यक (Minority) वर्ग सभी को पर्याप्त संख्या में स्थान देने की कोशिश की गयी है। गहलोत ने यह भी कहा कि हो सकता है कि कुछ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल होने की अपेक्षा हो किंतु हम उन्हें निराश नहीं करेंगे। उन्हें बोर्डों, निगमों में स्थान देंगे या फिर उन्हें संसदीय सचिव के तौर पर समाहित किया जायेगा।

राजस्थान में गहलोत सरकार को तीन वर्ष पूरे होने जा रहे हैं और तब से लेकर अब तक इस सरकार ने काफी उतार-चढ़ाव देखे। सरकार बनने से पहले ही गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान काफी बढ़ गयी थी। लेकिन, कांग्रेस हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री बनाया गया। एक बार फिर दोनों के बीच गुटबाजी देखने को मिली और पायलट ने अपने पद से इस्तीफा देकर गहलोत के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। लंबे सियासी ड्रामे के बाद यद्यपि गहलोत और सचिव पायलट के बीस खींचतान किसी तरह कम तो हो गयी किंतु इसके बाद से ही इस मंत्रिमंडल के पहले विस्तार के कयास लगने शुरू गये थे। कोरोना के नाम यह मंत्रिमंडल का विस्तार टलता रहा और आखिरकार आज शाम चार बजे इस मंत्रिमंडल विस्तार ने अपना रूप लिया।

आज 11 विधायकों ने कैबिनेट और चार विधायकों को राज्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गई। राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधायक हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल और शकुंतला रावत को कैबिनेट मंत्री पद और जाहिदा खान, बृजेंद्र ओला, राजेंद्र गुढ़ा व मुरारीलाल मीणा को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। राजस्थान मंत्रिमंडल में यह पहला फेरबदल है जिसे पार्टी आलाकमान द्वारा क्षेत्रीय व जातीय संतुलन के साथ-साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। 

नये मंत्रिमंडल की खासियत यह है कि इसमें ममता भूपेश, भजनलाल जाटव और टीकाराम जूली को राज्यमंत्री से पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। मंत्री बनाये गये हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा और बृजेंद्र ओला सहित पांच विधायकों को पायलट खेमे से संबद्ध माना जाता रहा है। इनके अलावा पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती रुख अपनाने के कारण पायलट के साथ-साथ पद से हटाए गए विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कांग्रेस में आए छह विधायकों में से राजेंद्र गुढ़ा को भी मंत्री बनाया गया है। 

 

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