जयपुर

मंत्रिमंडल पुनर्गठन (cabinet reorganization) में दिखा ओवैसी फैक्टर (Owaisi Factor)का गहरा असर, गहलोत (Gehlot) ने 2023 चुनावों के लिए अपने मोहरे बिठाकर की व्यूहरचना (Strategy)

कांग्रेस में भय, होगा मुस्लिम वोटरों का बंटवारा, एसी-एसटी और ओबीसी से करेंगे भरपाई

जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार का मंत्रीमंडल पुनर्गठन रविवार शाम को हो जाएगा। राज्यपाल कलराज मिश्र शाम 4 बजे राजभवन में 11 केबिनेट और 4 नए राज्यमंत्रियों को पद की शपथ दिलाएंगे। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने अभी से ही आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपने मोहरे बिठाकर चुनावी व्यूहरचना शुरू कर दी है।

इनमें हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद मेघवाल, शकुंतला रावत कैबिनेट मंत्री के रूप में और जाहिदा, बृजेंद्र ओला, राजेंद्र गुढा और मुरारीलाल मीणा राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाएंगे।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि मंत्रीमंडल पुनर्गठन अशोक गहलोत ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है। एक ओर से इसमें पायलट गुट को खुश करने की कोशिश की गई, वहीं सबसे प्रमुख यह कि राजस्थान में ओवैसी फैक्टर के कारण मुस्लिम वोटों का बंटवारा होने वाला है और पुनर्गठन में इस बंटवारे से होने वाले नुकसान की भरपाई की तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई है।

ओवैसी फैक्टर से वोटों का बंटवारा तय
पूरी राजस्थान कांग्रेस इस समय ओवैसी फैक्टर के लिए कह रही है कि इससे राजस्थान में कोई असर पडऩे वाला नहीं है, लेकिन हकीकत यह है कि सभी इस फैक्टर से घबराए हुए हैं। राजस्थान में मुस्लिम वोटर कांग्रेस का बड़ा वोटबैंक है। इसके बाद एससी-एसटी और ओबीसी का नंबर आता है। कांग्रेस की नजर आदीवासी वोटबैंक पर भी है। ओवैसी फैक्टर के कारण मुस्लिम वोट बैंक में बंटवारे को रोका नहीं जा सकता है। इसी लिए मंत्रीमडल पुनर्गठन में गहलोत ने अभी से ही एसी, एसटी और ओबीसी वोटबैंक को साधने की कोशिश की है, ताकि मुस्लिम वोटरों के नुकसान की भरपाई हो सके। कांग्रेस में कहा जा रहा है कि अगले चुनाव में एआईएमआईएम ही नहीं बसपा, सपा और आम आदमी पार्टी भी मुस्लिम वोटों में बंटवारे का प्रयास कर सकती है, इसी लिए भरपाई की इतनी तैयारी की जा रही है।

एससी, एसटी और ओबीसी से करेंगे भरपाई
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मंत्रीमंडल पुनर्गठन में पूर्वी राजस्थान को प्रभुत्व प्रदान किया गया है, क्योंकि राजस्थान में पूर्वी राजस्थान में ही सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाताओं की संख्या है। कोटा, धौलपुर, सवाईमाधोपुर, भरतपुर, अलवर, सीकर, झुंझुनूं में मुस्लिम वोटरों की बड़ी संख्या है। इसी लिए इसी क्षेत्र से सबसे ज्यादा मंत्री बनाए गए हैं। इनमें अधिकांश एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग से हैं।

जयपुर के मुस्लिमों को साधने के लिए महेश जोशी आगे
जयपुर की तीन विधानसभा सीटों किशनपोल, हवामहल और आदर्श नगर पर ओवैसी फैक्टर प्रभावी रहेगा, इसलिए यहां से महेश जोशी को मंत्री बनाया गया है, क्योंकि उनकी शुरूआत से ही मुस्लिम समाज में अच्छी पैठ रही है।

आदिवासी मंत्रियों से साधेंगे दक्षिणी राजस्थान
ओवैसी फैक्टर का असर पूर्वी राजस्थान पर ही नहीं बल्कि दक्षिणी राजस्थान पर भी रहेगा, क्योंकि यहां भी ओवैसी आदिवासियों पर एक साल पहले से ही डोरे डालने में लगे हैं। ओवैसी ने गुजरात में बीटीपी से गठबंधन कर रखा है और बीटीपी राजस्थान के दक्षिणी जिलों में आदिवासियों के बड़े वोटबैंक को प्रभावित करती है। ऐसे में पुनर्गठन में आदिवासी मंत्रियों को भी जगह दी गई है। शेष मध्य और पश्चिमी राजस्थान को अशोक गहलोत स्वयं संभालेंगे, क्योंकि उनकी पश्चिमी और मध्य राजस्थान पर अच्छी पकड़ है।

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