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दलित वर्ग (downtrodden class) के विवाह समारोह (marriage ceremony) में व्यवधान (disturbance) पैदा करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई (Strict action)

राजस्थान में दलित वर्ग (downtrodden class) की शादी समारोह (marriage ceremony)में रुकावट या व्यवधान (disturbance) पैदा करने वाले असामाजिक तत्वों के विरुद्ध पुलिस कठोर कार्रवाई (Strict action) करेगी। इस संबंध में  समस्त जिला पुलिस अधीक्षकों को ऐसे असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किये हैं।

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस डॉ रवि प्रकाश ने इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किये हैं। दलित वर्ग के विवाह समारोह में बिन्दोली रोकने, दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने देने, बरातियों से मारपीट करने तथा बैण्ड नहीं बजाने देने इत्यादि कृत्य (अस्पृश्यता) संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लघंन है एवं गैर कानूनी है। ऐसे कृत्यों को रोकना पुलिस एवं प्रशासन का उत्तरदायित्व है।

 इस प्रकार की घटनाओं को घटित होने से रोकने तथा ऐसी घटनाऐं घटित होने के पश्चात कानूनी कार्रवाई करने के लिए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।  समस्त थानाधिकारियों को उनके थाना क्षेत्रों में ऐसे स्थानों को चिन्हित कर कार्यवाही के लिए निर्देशित करने के लिए कहा गया है, जहाँ पर दलित वर्ग एवं अन्य सामाजिक वर्गों में किसी प्रकार का तनाव या विवाद चल रहा है या वहाँ पर पूर्व में इस प्रकार से घटनाएं घटित हुई हो। विवाह समारोह, बारात या बिन्दोली के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना के घटित होने का अंदेशा या आसूचना होने पर संदिग्धों के विरूद्ध पूर्व से ही निरोधात्मक कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश दिए गए हैं।

पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि बीट स्तर पर जानकारी जुटाई जाए कि निकट भविष्य में किन-किन दलित परिवारों के घर पर शादी का कार्यक्रम है साथ ही दलित वर्ग की शादी के दिन सद्भावना के साथ बिन्दोली निकाले जाने हेतु आवश्यक व्यवस्था करने, बीट कांस्टेबल व बीट प्रभारी द्वारा अपने क्षेत्रों के पंच, सरपंच, पार्षद, सीएलजी सदस्य, पुलिस मित्र एवं सम्बन्धित समुदायों के साथ समन्वय कर इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु हेतु निर्देशित किया गया है। सभी समुदायों के नागरिकों को भी सम्बन्धित कानूनों के बारे में शिक्षित करने के लिए कहा गया है।

एडीजी ने निर्देश में कहा कि सभी सीएलजी सदस्य, पुलिस मित्र, सरपंच, पंच, पार्षद को सूचित किया जाए कि उनके क्षेत्रों में इस प्रकार की घटना के घटित होने की सम्भावना हो तो समय रहते अपने क्षेत्र के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को सूचित करें एवं स्वयं के स्तर पर भी समझाईश करें। जिला कलेक्टर के साथ समन्वय करते हुए पटवारियों को भी जागरूक करें कि वे दण्ड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के अनुसार अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन करते हुए ऐसी किसी घटना होने की सम्भावना होने पर या घटना घटित होने के बारे में तुरन्त सम्बन्धित थाना एवं प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को सूचित करे।

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