जयपुर

कार्यकर्ता (worker) की लापरवाही (negligence), मंत्री (minister) ने लगा दी महापौर (mayor) की क्लास

जिस काम के नहीं होने पर महापौर को डांट पड़ी, वह काम हो चुका था दो दिन पहले

जयपुर। कांग्रेस के एक कार्यकर्ता (worker) की लापरवाही (negligence) नगर निगम जयपुर हेरिटेज की महापौर (mayor) मुनेश गुर्जर को भारी पड़ गई। कार्यकर्ता के घर सबडिवीजन प्रकरण काफी समय से चल रहा था। मंगलवार को सिविल लाइंस विधानसभा से विधायक और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री (minister) प्रताप सिंह खाचरियावास एक कार्यक्रम में पहुंचे और उनके पास गलत फीडबैक पहुंच गया कि सबडिवीजन प्रकरण का अभी तक निस्तारण नहीं हो पाया है। फिर क्या था? मंत्रीजी ने महापौर की क्लास लगा दी। बाद में पता चला कि इस प्रकरण का निस्तारण तो दो दिन पूर्व ही हो चुका है। मीटिंग में इस प्रकरण की एप्रूवल जारी हो गई थी, लेकिन मिनिट्स जारी नहीं हो पाए थे।

सूत्रों के अनुसार यह प्रकरण सात-आठ महीने पुराना है। कांग्रेस कार्यकर्ता के प्लाट के सबडिवीजन की फाइल निगम में आई, लेकिन इस मकान की मूल फाइन निगम के पास नहीं थी। इस पर कार्यकर्ता के पास उपलब्ध मकान की फाइल की फोटो कॉपी लेकर पूरी तहकीकात करने के बाद गठन का कार्य किया गया था। गठन का कार्य पूरा होने के बाद फाइल मंजूरी के लिए कुछ दिनों पूर्व आयुक्त के पास गई थी। दो दिन पूर्व आयुक्त ने इस प्रकरण में मंजूरी भी दे दी थी, लेकिन कार्यकर्ता को सिर्फ इतनी जानकारी थी कि फाइल आयुक्त के पास गई है। उसके पास यह जानकारी नहीं थी कि फाइल मंजूरी के लिए ही आयुक्त के पास गई थी।

मंगलवार को खाचरियावास सी-स्कीम के बगडिय़ा भवन में पार्षद कार्यालय का शुभारंभ करने पहुंचे तो इस कार्यकर्ता ने खाचरियावास को कहा कि उसकी फाइल आयुक्त के पास गई है। खाचरियावास को लगा कि यह काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है, तो उन्होंने कार्यक्रम में ही महपौर मुनेश गुर्जर की क्लास लगा दी। यदि कार्यकर्ता के पास फाइल के लोकेशन की पूरी जानकारी होती तो शायद खाचरियावास तक गलत फीडबैक नहीं पहुंचता और इतनी नौबत नहीं आती। अब कहा जा रहा है कि बुधवार को इस प्रकरण में मिनिट्स भी जारी हो चुके हैं और अब यह प्रकरण पूरी तरह से निस्तारित हो चुका है।

यह कहा था खाचरियावास ने
खाचरियावास ने कहा था कि नगर निगम वाले क्या चाहते हैं, समझ नहीं आता। मंत्री मीटिंग लेकर आ गया फिर भी एक व्यक्ति के सब डिवीजन जैसा काम भी अटका पड़ा है, क्योंकि अभियान को लेकर कोई सीरियस नहीं है। उन्होंने मेयर को लताड़ते से हुए कहा कि खुद प्रताप सिंह खाचरियावास हेरिटेज निगम आया, एक मंत्री आया आपको इसकी टेंशन नहीं है। सब डिवीजन का एक काम बताया वो आपसे नहीं हो रहा है तो आप कम से कम जवाब तो दो। यदि कोई अधिकारी काम नहीं कर रहा है, तो उसके खिलाफ नोटशीट चलाओ, जवाब लो, फिर भी काम नहीं होता है, तो यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से कहो। उनके पास सस्पेंड करने जैसी सारी पावर है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपनी जमीन का सबडिवीजन चाह रहा है। सरकार तो पट्टे दे रही है, सब डिवीजन के काम में फाइल 1 साल तक रुकी रहे, इससे बड़ा पाप कुछ नहीं हो सकता।

अधिकारियों की भी लगाई थी क्लास
खाचरियावास ने अधिकारियों को भी लताड़ते हुए कहा कि आप पट्टे नहीं दे रहे, आप पट्टे दे रहे हो शासन के आदेश पर, ऐसे में जिम्मेदारी शासन की है। हाईकोर्ट में कोई अधिकारी कर्मचारी जवाब नहीं दे रहा, कोर्ट में जवाब सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल दे रहा है। निगम के अधिकारियों की काम टालने की प्रवृत्ति पड़ गई है। लोग किसी अधिकारी को नहीं पकड़ते वो जनप्रतिनिधि को पकड़ते हैं, जवाब जनप्रतिनिधि को देना है। इसलिए सरकार का काम करना जिम्मेदारी है।

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