जयपुर

मकर संक्रांति पर पशुपालन विभाग के चिकित्सक करेंगे घायल पक्षियों का उपचार

पक्षियों के उपचार के लिए बनाये गए ‘बर्ड रेस्क्यू सेंटर’

जयपुर। मकर संक्रांति न केवल दान पुण्य का त्यौहार है बल्कि जयपुर वासियों के लिए पतंगबाजी का उत्सव भी है। प्रत्येक वर्ष इस पर्व पर मांझे की डोर सैंकड़ों बेजुवान पक्षियों के लिए काल का कारण बन जाती है। ऐसे में घायल पक्षियों के उपचार के लिए पशुपालन विभाग द्वारा 16 पशु चिकित्सा केंद्र एवं मौके पर घायल पक्षियों के उपचार के लिए पांच सदस्यीय मोबाइल यूनिट तैयार किये गए है। पशु चिकित्सा पाली क्लिनिक, जयपुर सहित समस्त अधीनस्थ पशु चिकित्सा संस्थाएं 14 जनवरी को प्रातः 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुले रहेंगे। वहीं चिन्हित केंद्रों पर आवश्यक चिकित्सकीय दवाइयां एवं सामग्री उपलब्ध करवाई गयी है।

विभाग के निदेशक भवानी सिंह राठौड़ ने जनता से अपील करते हुए कहा की सुबह-शाम पक्षियों के विचरण के समय पतंग न उड़ाएं एवं चाइनीज मांझे का उपयोग न करें। उन्होंने कहा की मकर संक्रांति पर विभाग द्वारा जारी दूरभाष नंबर्स पर सूचना देकर आम जन घायल पक्षियों के इलाज में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। अन्य संस्थाएं जो पक्षियों को बचाने का कार्य कर रही हैं, उन्हें विभागीय स्तर पर हर प्रकार का सहयोग उपलब्ध करवाने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

विभाग की उप निदेशक डॉ. संगीता भार्गव ने बताया की वे पिछले 15 वर्षों से पक्षियों को बचाने कार्य कर रही है, उन्हें न केवल राज्य से बल्कि देश के अन्य स्थानों से भी घायल पक्षियों के प्राथमिक उपचार की जानकारी लेने के लिए सम्पर्क किया जाता है। उन्होंने कहा की विभागीय स्तर पर एनजीओ एवं अन्य संस्थाओं के सहयोग से प्रति वर्ष सैंकड़ो पक्षियों की जान बचायी जाती है। साथ ही, उन्हें प्राथमिक उपचार एवं रेस्क्यू करने के तरीकों से भी अवगत करवाया जाता है।

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