यूसीसी को लेकर पीएम मोदी की टिप्पणी पर मुस्लिम संगठनों की ओर से भी कड़ा ऐतराज जताया गया है। इस बीच भाजपा की धुर विरोधी आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर भाजपा का समर्थन कर सबको हैरान कर दिया है। आम आदमी पार्टी (आप) ने सैद्धांतिक रूप से देशवासियों के लिए समान नागरिक संहिता का समर्थन करने का ऐलान किया है। हालांकि, पार्टी का मानना है कि इस दिशा में किसी भी कदम से पहले सभी से सलाह करना जरूरी होना चाहिए। बुधवार को पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने आप के इस स्टैंड को साझा किया।
संविधान के अनुच्छेद 44 में वर्णित
आप के नेशनल जनरल सेक्रेटरी और राज्यसभा से सांसद संदीप पाठक ने कहा कि सैद्धांतिक तौर पर हम यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन कर रहे हैं। संविधान का अनुच्छेद 44 भी इसे सपोर्ट करता है। चूंकि यह मुद्दा सभी धार्मिक समुदायों से संबंधित है, इसलिए आम सहमति बनाने के लिए व्यापक विचार-विमर्श और प्रयास होने चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा।
पीएम की टिप्पणी से छिड़ी बहस
आप नेता की टिप्पणी 2024 के आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए बेहद अहम मानी जा रही है। खासकर तब समान नागरिक संहिता के लिए भाजपा के नए सिरे से जोर देने की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश दो कानूनों पर नहीं चल सकता है। ये ठीक वैसी ही बात है कि एक परिवार के विभिन्न सदस्यों के लिए अलग-अलग नियम काम नहीं कर सकते।
कांग्रेस ने की है कड़ी आलोचना
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की यूसीसी पर की गई टिप्पणी की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा है कि समान संहिता को ‘एजेंडा-संचालित बहुसंख्यकवादी सरकार’ द्वारा लोगों पर थोपा नहीं जा सकता है। साथ ही, चेतावनी भी दी है कि ‘विभाजन बढ़ेगा’।
मुस्लिम संगठनों का ऐतराज
इस टिप्पणी पर मुस्लिम संगठनों की ओर से भी कड़ा ऐतराज जताया गया है। देश की शीर्ष मुस्लिम संस्था, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मंगलवार रात एक आपातकालीन बैठक की, जिसमें चर्चा की गई कि वह यूसीसी पर कैसे प्रतिक्रिया दें। बोर्ड के सदस्य और जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने आज एनडीटीवी को बताया कि सरकार ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं और मुसलमानों से इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन में सड़कों पर नहीं उतरने का आग्रह किया है। हालांकि, इस मुद्दे पर आप का रुख कांग्रेस के साथ उसके टकराव की पृष्ठभूमि में भी सामने आता है।