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गणेश से गौरी ? सुष्मिता सेन की ‘ताली’ के ट्रेलर ने हिला डाला

बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन वेब सीरीज ‘ताली’ में नजर आएंगी। 15 अगस्त को जियो सिनेमा पर रिलीज होने से पहले इसका ट्रेलर सामने आया है। इसमें वह गौरी सावंत बनी हैं और बता रही हैं कि कैसे ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी से जुड़ी हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने कैसे ट्रांसजेंडर के हक के लड़ाई लड़ी है।
बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन की अपकमिंग वेब सीरीज ‘ताली’ जो कि 15 अगस्त को जियो सिनेमा पर रिलीज हो रही है, उसका ट्रेलर रिलीज हो चुका है। इस सीरीज में एक्ट्रेस सोशल एक्टिविस्ट गौरी सावंत का किरदार निभा रही हैं। इसमें वो सच्ची कहानी दिखा रही हैं कि कैसे गणेश आगे चलकर गौरी बन जाता है और ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी से जुड़ जाता है। इस ट्रेलर में ये भी दिखाया गया है कि गौरी का सफर आसान नहीं रहता। काफी उतार-चढ़ाव देखने पड़ते हैं।
बड़ी-सी बिंदी और आपबीती
‘ताली’ के ट्रेलर की शुरुआत में बड़ी-सी बिंदी लगाए सुष्मिता सेन उर्फ गौरी सावंत कहती हैं, ‘नमस्कार, मैं गोरी, ये कहानी मेरे जैसे कई लोगों की है। क्योंकि ये गौरी भी कभी गणेश था।’ इसके बाद एक स्कूल की क्लास में बैठा 12-14 साल का एक लड़का दिखाया जाता है, जिससे टीचर पूछती हैं कि वो बड़ा होकर क्या बनेगा? जब वो जवाब में ‘मां बनने’ की बात कहता है, तो उसे सजा मिलती है। इतना ही नहीं, उसे औरतों की तरह सजना-संवरना भी पसंद होता है। एक बार जब वो शीशे के सामने सिर पर पल्लू और माथे पर बिंदी लगाकर खुद को खुशी से निहार रहा था, तो उसकी मां को बहुत हैरानी हुई।
गणेश से बनीं गौरी सावंत
वहीं, उससे एक ट्रांसजेंडर ने कहा कि ऐसा वो दोबारा कभी न करें। जब उसने कारण पूछा तो जवाब मिला कि अभी-भी उसमें बदलने की उम्मीद है। इतना ही नहीं, वह ट्रांसजेंडर के साथ नाचना-गाना भी करने लगा। हालांकि जब वो बड़ा हुआ, तो उसे समझ ही नहीं आता था कि वो लड़का है या लड़की। एक बार तो ट्रांसजेंडर ने उसे धमकाया भी कि उसे अगर उस कम्यूनिटी से कोई लेना-देना है तो वह पहले अंदर से उन जैसा बनकर दिखाए। फिर गणेश ने कोई ट्रीटमेंट लिया। अस्पताल गईं। वहां इलाज हुआ।
ट्रांसजेंडर को दिलवाया हक
इन सबके बाद गौरी सावंत ट्रांसजेंडर के गुट में शामिल हो गई। उनका पूरा रीति-रिवाजों के साथ उस समाज में आगमन हुआ। इसके बाद गौरी सांवत के साथ गली-मोहल्ले में लोगों द्वारा बदसलूकी होने लगी। घर पर पत्थर फेंके जाने लगे। कुछ उनसे मारपीट करने लगे। इस कारण उन्होंने ट्रांसजेंडर समाज के कानूनी अधिकार के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने ट्रांसजेंडर इक्वॉलिटी के लिए एक याचिका दायर की और फैसला उनके हक में आया।
कौन हैं गौरी सावंत?
बता दें कि गौरी सावंत, 2014 में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के फैसले में याचिकाकर्ता बनने वाली पहली ट्रांसजेंडर थीं, जिन्होंने ट्रांसजेंडर्स को अलग कम्यूनिटी के रूप में मान्यता दिलवाई थी। वह 2011 में बेटी को गोद लेने वाली पहली ट्रांस मदर भी बनी थीं। तो यही कहानी सुष्मिता सेन अब पर्दे पर दिखाने जा रही हैं। ताली को राजीव जाधव ने डायरेक्ट किया है और क्षितिज पटवर्धन ने लिखा है।

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