जयपुर। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम प्रबन्धन द्वारा मुख्य प्रबन्धक, जोनल मैनेजर, मुख्य उत्पादन प्रबन्धक की प्रशासनिक शक्तियों को पुनर्निर्धारण किया गया। अब मुख्य प्रबन्धक, मुख्य उत्पादन प्रबन्धक अपने कार्यक्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी को बिना प्रबन्ध निदेशक की सहमति के निलम्बित नहीं कर सकेंगे।
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक राजेश्वर सिंह बताया कि रोडवेज कर्मियों की समस्याओं को देखते हुए ग्रेड-पे 1700 से 4200 ग्रेड-पे के कर्मचारियों के सम्बन्ध में मुख्य प्रबन्धक, जोनल मैनेजर, मुख्य उत्पादन प्रबन्धक को प्रदत्त प्रशासनिक शक्तियों का पुनर्निर्धारण किया गया है। उन्होंने बताया कि कर्मचारी द्वारा 6 या 6 से अधिक बिना टिकिट यात्री, अभद्र व्यवहार, प्राणघातक दुर्घटना, हेराफेरी एवं गबन, लम्बे समय से अनुपस्थित तथा एवजी में चलने वाले चालक-परिचालक प्रकरण में अनुशासनात्मक कार्यवाही के अधिकार जोनल मैनेजर को दिए गए थे। अब नये निर्देशों के मुताबिक इनके लिए मुख्य प्रबन्धक एवं मुख्य उत्पादन प्रबन्धक को अधिकृत किया गया है।
सिंह ने यह भी बताया कि मुख्य प्रबन्धक एवं मुख्य उत्पादन प्रबन्धक को इनके अधीनस्थ कार्यरत ग्रेड-पे 1700 से 4200 के कर्मचारियों के लिए नियुक्ति अधिकारी के प्रशासनिक अधिकार दिए गए हैं, जिससे विभागीय जांचों में निर्णय पारित करने एवं सेवा से सम्बन्धित विभिन्न प्रकरणों का आगार व कार्यशाला स्तर पर ही जल्दी निस्तारण हो सकेगा। इसके साथ ही कार्यकारी निदेशक (प्रशासन) को प्रशासन व यांत्रिक संवर्ग, वित्तीय सलाहकार को वित्त संवर्ग एवं कार्यकारी निदेशक (यातायात) यातायात संवर्ग को मुख्य प्रबन्धक, मुख्य उत्पादन प्रबन्धक एवं जोनल मैनेजर द्वारा पारित दण्डादेश के विरुद्ध कर्मचारी द्वारा प्रस्तुत अपील को सुनने के लिये अपीलीय अधिकारी नियुक्त किया गया है।