आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम बंदरगाह पर मछली पकड़ने वाली एक नाव में जोरदार धमाका हुआ। इसके बाद लगी आग में 40 नावें जलकर खाक हो गईं। इस आग में लगभग 30 करोड़ रुपये के नुक़सान की आशंका जताई जा रही है। मछुआरों को शक है कि कुछ शरारती तत्वों ने नावों में आग लगाई है। दरअसल, आग लगने के बाद नावों में धमाके भी सुनने को मिले।
सुबह तक पाया गया आग पर काबू
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना रविवार देर रात की है। सोमवार सुबह तक नावें जलती रहीं। घटना से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं,जिसमें नावों को जलते हुए देखा जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि आग लगने के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है । उन्होंने बताया कि देर रात करीब एक बजे लगी आग पर सुबह चार बजे तक काबू पा लिया गया।
कुछ लड़के कर रहे थे पार्टी
विशाखापट्टनम के एडीजी रवि शंकर ने बताया कि सभी नावें किनारे पर खड़ी थीं। कुछ लड़कों की मौजूदगी में एक नाव में आग लग गई । आशंका है कि वे पार्टी कर रहे थे। सौभाग्य से अन्य नाविकों ने नांव को समुद्र में छोड़ दिया, जिसमें आग लगी थी, उसमें डीजल और गैस सिलेंडर का पूरा टैंक था।लेकिन आग पर जब तक काबू पाया जाता तब तक भारी नुकसान हो चुका था। नावें राख के ढ़ेर में तब्दील हो चुकी थीं।
भीषण आग के आगे मछुआरे बेबस
बंदरगाह पर आग लगते हुए वहां मौजूद मछुआरों में हड़कंप मच गया।उन्होंने फौरन इसकी सूचना लोकल पुलिस को दी। घटनास्थल पर फायर ब्रिगेड की टीम के साथ पहुंची पुलिस ने आग बुझाने का काम शुरू किया। बंदरगाह से चौंकाने वाले दृश्यों में अग्निशामकों को आग बुझाने की कोशिश करते हुए देखा गया, स्थानीय मछुआरों ने भी उनका साथ दिया। जबकि कुछ मछुआरे असहाय होकर आग को देखते रहे और उनकी आजीविका के साधन नष्ट हो गए। कुछ नौकाओं में विस्फोट, जाहिरा तौर पर ईंधन टैंकों तक आग पहुंचने के कारण हुआ, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई। घटना में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।