जयपुर

कौओं की मौत पर राजस्थान के पशुपालन विभाग ने उठाए एहतियाती कदम, राज्य स्तर पर नियन्त्रण कक्ष स्थापित

जयपुर। झालावाड में हाल ही में एवियन इनफ्लूएन्जा से हुई कौओं की मौत की पुष्टि को देखते हुए राज्य में मुर्गीपालन व्यवसाय की सुरक्षा को लेकर विभागीय स्तर पर एहतियात के तौर पर कदम उठाए गए हैं। रविवार को पशुधन भवन में आयोजित बैठक में पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजी लाल मीणा ने अवगत कराया कि राज्य में एवियन इनफ्लूएन्जा को लेकर विभाग पूरी तरह सतर्क एवं सजग है और राज्य में मुर्गीपालन से जुड़े मुर्गीपालकों को चिन्तित होने की आवश्यकता नही है।

कौओं की मौत के कारण जानने के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल को भेजे गए सैम्पल में कौओं में एवियन इनफ्लूएन्जा से मौत की पुष्टि हुई है। पशुपालन विभाग द्वारा प्रभावित क्षेत्र में स्थानों को चिन्हित कर मृत पक्षियों के शवों का वैज्ञानिक निस्तारण किया जा रहा है। बीमार पक्षियों का उपचार पशुपालन विभाग एवं वन विभाग की द्वारा किया जा रहा है।

मीणा नेे बताया कि प्रदेश मे अब तक झालावाड मे 100, कोटा मे 47, बांरा मे 72, पाली मे 19, जोधपुर मे 7 तथा जयपुर जलमहल में 7 सहित कुल 252 कौवों की मौत की सूचना प्राप्त हुई है। जोधपुर, कोटा, बारां एवं जयपुर में मृत कौओं के शव व अन्य नमूने एवियन इनफ्लूएन्जा संदर्भ प्रयोगशाला, भोपाल को रोग की पुष्टि हेतु भिजवाए गए हैं।

कौओ की मौत होने की सूचना प्राप्त होते ही विभाग द्वारा तुरन्त कार्रवाई करते हुए कोटा और जोधपुर संभाग मे उच्च अधिकारियों द्वारा प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का मौका मुआयना किया गया, साथ ही स्थिति अनुसार व्यापक इंतजाम किए जाने के लिए क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक मोहन मीणा ने अवगत कराया कि कौओं में हो रही असामान्य मृत्यु की स्थिति से निपटने के लिए वन एवं पशुपालन विभाग के कर्मियों द्वारा आपसी सामंजस्य एवं सहयोग से कार्य किया जा रहा है। शासन सचिव पशुपालन विभाग, डॉ. आरुषि मलिक ने बताया कि स्थिति पर कड़ी निगरानी के लिए विभाग द्वारा विशेषज्ञ दल गठित कर कोटा, जोधपुर, भरतपुर एवं अजमेर संभाग के लिए रवाना किया जा रहा है।

यह दल विशेष रूप से अजमेर में कुक्कुटपालकों से सम्पर्क स्थापित कर तथा भरतपुर के केवला देव उद्यान का दौरा कर स्थिति का जायजा लेगा। साथ ही सांभर झील में हुई प्रवासी पक्षियों की मृत्यु की निगरानी के लिए एक विशेषज्ञ दल, सप्ताह में एक दिन सांभर झील का दौरा करेगी।

पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. विरेन्द्र सिंह ने बताया कि स्थिति पर नजर रखने के लिए विभाग द्वारा राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष नंबर 0141-2374617 है। विभाग के स्तर से 30 दिसम्बर 2020 को समस्त जिला अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों को तवरित कार्रवाई एवं आपसी समन्वय हेतु निर्देशिका जारी कर दी गई है।

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