दीपावली (Diwali) आते ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग(Medical and Health Department) की ओर से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान(war like campaign) शुरू कर दिया गया है, लेकिन उनका यह अभियान अब सवालों के घेरे में आने लगा है कि आखिर विभाग की कुंभकर्णी नींद (deep sleep) त्योहारों पर ही क्यों खुलती है। सालभर मिलवटखोरों के खिलाफ विभाग की ओर से कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है?
दीपावली के त्यौहार पर जयपुर जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत सोमवार को केंद्रीय दल एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने सयुंक्त रूप से मावा और पनीर के विक्रेताओं पर कार्रवाई की गई। जिला कलक्टर अंतर सिंह नेहरा ने जिले की सभी व्यापारिक इकाईयों को दीपावली पर विशेष साफ -सफाई बरतने एवं कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखने के निर्देश दिये हैं।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट-चतुर्थ डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि अभी मावा और पनीर व्यापारियों के यहां से नमूने एकत्रित किए जा रहे हैं। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर एफ एसएसए एक्ट में दिए गए प्रावधान के अनुसार नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को घोसिंयो का रास्ता, कर्बला मोड, नवाब का चौराहा घाटगेट से मावा व पनीर के नमूने एसएसए जांच हेतु लिये गये।
कार्यवाही में केन्द्रीय दल से खाद्य सुरक्षा अधिकारी विनोद कुमार शर्मा, संदीप अग्रवाल, विशाल मित्तल, भानूप्रताप सिंह गहलोत एंव सीएमएचओ जयपुर प्रथम से खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्याम सुंदर गोयल व नरेश चेजारा शामिल थे। इसके अलावा शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के अंतर्गत दुर्गापुरा टोंक रोड पर स्थित दुकानों का निरीक्षण किया गया तथा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 नियम एवं विनियम 2011 के अंतर्गत मावा एवं मिल्क केक के नमूने जांच हेतु लिये गये।