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देश के प्रमुख बैंकों की लॉकर फीस में बदलाव, किराये साथ जुड़ गये हैं अतिरिक्त शुल्क

देश के प्रमुख बैंकों—SBI, ICICI, HDFC और PNB—ने अपने बैंक लॉकर सेवाओं के नियमों में हालिया बदलाव किए हैं, जिससे लॉकर किराए के साथ अतिरिक्त शुल्कों पर भी ध्यान देना अब ग्राहकों के लिए आवश्यक हो गया है। इन नियमों में बदलाव के तहत लॉकर शुल्क शाखा की स्थिति, लॉकर का आकार, और उसकी लोकेशन पर निर्भर करते हुए तय किया गया है।
बैंक लॉकर की सेवाएं व्यक्तिगत ग्राहकों के साथ-साथ साझेदारी फर्मों, कंपनियों और क्लबों को भी उपलब्ध हैं, लेकिन नाबालिगों के नाम पर लॉकर खाता नहीं खोला जा सकता। बैंक, किरायेदार के रूप में कार्य करते हैं और वार्षिक शुल्क के आधार पर ग्राहकों को लॉकर सुविधा प्रदान करते हैं। हालांकि, ध्यान रहे कि बैंक में रखी नकद राशि की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंक की नहीं होती।
प्रमुख बैंकों के लॉकर शुल्क

भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
छोटे लॉकर: मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में 2,000 रुपये; अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 1,500 रुपये।
मध्यम लॉकर: मेट्रो और शहरी में 4,000 रुपये; अर्ध-शहरी और ग्रामीण में 3,000 रुपये।
बड़े लॉकर: मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में 8,000 रुपये; अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 6,000 रुपये।
अतिरिक्त बड़े लॉकर: मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में 12,000 रुपये; अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 9,000 रुपये।
ICICI बैंक
ग्रामीण क्षेत्र: 1,200 रुपये से 10,000 रुपये तक।
अर्ध-शहरी क्षेत्र: 2,000 रुपये से 15,000 रुपये तक।
शहरी क्षेत्र: 3,000 रुपये से 16,000 रुपये तक।
मेट्रो क्षेत्र: 3,500 रुपये से 20,000 रुपये तक।
HDFC बैंक
मेट्रो शाखाएं: 1,350 रुपये से 20,000 रुपये तक।
शहरी क्षेत्र: 1,100 रुपये से 15,000 रुपये तक।
अर्ध-शहरी क्षेत्र: 1,100 रुपये से 11,000 रुपये तक।
ग्रामीण क्षेत्र: 550 रुपये से 9,000 रुपये तक।
पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
ग्रामीण क्षेत्र: 1,250 रुपये से 10,000 रुपये तक।
शहरी क्षेत्र: 2,000 रुपये से 10,000 रुपये तक।
अतिरिक्त विज़िट शुल्क
बैंक हर ग्राहक को एक वर्ष में 12 निःशुल्क लॉकर विज़िट प्रदान करते हैं। इस सीमा के बाद, प्रत्येक अतिरिक्त विज़िट पर 100 रुपये का शुल्क लगाया जाएगा।
बैंकों द्वारा सेवाओं के किराए में किए गए इन संशोधनों के मद्देनजर, ग्राहक अपनी आवश्यकताओं के अनुसार लॉकर सेवाओं के विकल्प चुन सकते हैं और अपनी वित्तीय योजना को इन नए नियमों के आधार पर व्यवस्थित कर सकते हैं।

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