जयपुर। बसपा से कांग्रेस में गए विधायकों का मामला ठंडा होता नहीं दिखाई दे रहा है। जहां एक ओर बसपा प्रमुख मायावती इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की बात कह रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा की तरफ से भी मंगलवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में इस मामले में फिर से याचिका पेश की गई है।
मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया था, लेकिन कांग्रेस ने उनके साथ धोखा किया और हमारे विधायकों को अपने साथ मिला लिया। वह इस मामले को छोड़ेंगी नहीं, यदि जरूरत हुई तो वह सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगी।
उधर इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष के सामने याचिका लगाने वाले भाजपा विधायक मदन दिलावर ने राजस्थान उच्च न्यायालय में फिर से याचिका पेश की और इस मामले ती त्वरित सुनवाई की मांग की। हालांकि न्यायालय ने उनकी इस मांग को मंजूर नहीं किया है।
बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के बाद दिलावर ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने याचिका पेश कर बसपा के छह विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। करीब चार महीने तक यह याचिका स्पीकर के पास लटकी रही और उसपर कोई फैसला नहीं हो पाया था। अब यह मामला फिर से गर्म होने पर भाजपा ने इस याचिका की सुनवाई के लिए दबाव बनाया तो विधानसभा अध्यक्ष ने याचिका को खारिज कर दिया।
इसी संबंध में राजस्थान उच्च न्यायालय में लगी एक अन्य याचिका को भी इस कारण से खारिज कर दिया गया कि यह मामला विधानसभा अध्यक्ष के पास चल रहा है। याचिका खारिज करने पर दिलावर का कहना है कि फैसले से पहले न तो उन्हें सुना गया और न ही पेश होने के लिए नोटिस दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से इस मामले में एकतरफा कार्रवाई की गई।
भाजपा यह भी आरोप लगा रही है कि कांग्रेस से बागी हुई मामले में जिस तत्परता से कार्रवाई की गई, उसी तत्परता से इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद दिलावर ने विधानसभा से इसकी कॉपी ली है।
फैसले की कॉपी लेने के लिए भी उन्हें विधानसभा में धरना देना पड़ गया। पहले उन्हें एक पेज की कॉपी दी गई। बाद में पूरी कॉपी उपलब्ध कराई गई। कॉपी मिलने के बाद अब दिलावर ने फिर से हाईकोर्ट में बसपा विधायकों को अयोग्य करने की याचिका दायर की है।