राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने बताया कि कोविड के बाद मधुमेह से ग्रसित लोगों में होने वाली बीमारी ‘ब्लैक फंगस ’ के प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार पूर्णतया सजग और सतर्क है। बीमारी के दौरान काम आने वाली दवाओं की आपूर्ति के साथ उपचार के लिए भी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। संक्रमण में काम आने वाली दवाओं के संबंध में क्रयादेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि विशेष रूप से ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज में काम आने वाली दवा लाइपोजोमल एम्फोटेरिसिन बी की आपूर्ति के लिए सीमित निविदा आमंत्रित कर संबंधित फर्म को क्रयोदश जारी कर दिए गए है।
परीक्षण के बाद एंटीबॉडी कॉकटेल दवा भी मिलेगी प्रदेश में
एमएससीएल के प्रबंध निदेशक आलोक रंजन ने बताया कि भारत सरकार द्वारा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित 2 डीजी दवा तथा रोश फार्मा की एंटीबॉडी कॉकटेल दवा जो कैसेरिविमैब व इम्डेविमैब का कॉकटेल है, को कोविड-19 के उपचार के लिए मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि आरएमएससीएल द्वारा एसएमएस हॉस्पिटल की विशेषज्ञ समिति द्वारा इसका परीक्षण करवाया जाकर दवाएं उपलब्ध होते ही इनकी मरीजो के उपचार के लिए उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
दवा किट के लिए भी क्रयादेश जारी
प्रबंध निदेशक ने बताया कि राज्य में कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए राज्य के प्रत्येक निवासी के घर पर कोरोना औषधि किट उपलब्ध कराया जाना है। इस किट में शामिल औषधियों Azithromycin, Paracetamol, Levocetirizine, Zinc Sulphate & Ascorbic Acid के आवश्यकतानुसार क्रय के लिए अल्प अवधि सीमित बोली के माध्यम से फर्मों से साप्ताहिक आपूर्ति के लिए प्रस्ताव लिए जाकर दरें निर्धारित कर क्रयादेश जारी कर दिए गए है।
रंजन ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 11 मई को जारी आवंटन अनुसार राजस्थान राज्य को टोसिलीजूमेब इंजेक्शन 80 एम. जी. की 2,185 मात्रा आवंटित की गई है। उक्त औषधि लिए भी 14 मई को आपूर्ति के लिए क्रयादेश जारी कर दिए गए हैं। यही नहीं कोविड-19 की तीसरी लहर में छोटे बच्चों के संक्रमण की संभावना को देखते हुए उनके उपचार में काम आने वाली दवाओं की आपूर्ति के लिए भी क्रयादेश जारी कर दिए गए हैं।