जयपुर। राजस्थान के उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि राज्य कोरोना काल में भी ई-ऑक्शन के जरिए रिकॉर्ड औद्योगिक प्लाट बेचने में सफल रहा है। इसके कारण राज्य में 1400 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है।
अनिवासी राजस्थानियों के लिए बनेगा औद्योगिक क्षेत्र
फेडरेशन ऑफ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इडस्ट्री (फिक्की) के सदस्यों की बैठक को संबोधित करते हुए मीणा ने कहा कि राजस्थान सरकार एमएसएमई कानून लेकर आई जिसके तहत 10 करोड़ रुपए तक के निवेश करने वाले उद्योगों को किसी प्रकारकी अनुमति की जरूरत नहीं है। चौदह अधिकारियों के एक स्थान पर एक साथ काम करने वाली एकल खिड़की व्यवस्था की शुरुआत की गई। यही वजह रही है कि इस व्यवस्था से संबंधित पोर्टल पर 7000 उद्योग लगाने के आवेदन प्राप्त हुए हैं। मीणा ने यह भी घोषणा की कि अनिवासी राजस्थानियों के लिए समर्पित औद्योगिक क्षेत्र जल्दी ही लांच किया जाएगा।
बैठक में शामिल सदस्यों ने मांगी राहत
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई फिक्की की इस बैठक में फिक्की की राजस्थान स्टेट काउंसिल के को-चेयरमैन रणधीर विक्रम सिंह, जीनस ग्रुप के चेयरमैन आईसी अग्रवाल, राजस्थान चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव केएल जैन, एम्पलॉयर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष एनके जैन, धूत संगमरमर के प्रबंध निदेशक अशोक धूत, डाटा इन्जीनियस ग्लोबल के सीईओ अजय डाटा, फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के कार्यकारी अध्यक्ष अरुण अग्रवाल, मेवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष जीसी जैन, होंडा कार्स इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट सुनील कुमार यादव सहित करीब 40 लोगों ने भाग लिया। सभी ने मांग की कि 10 हजार रुपए वर्ग मीटर की भूमि पर जो दो रुपए वर्म मीटर सेस लगाया गया है, उसमें राहत दी जाए। इसी तरह वर्ष 2009 से लागू बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन सेस संबंधी जुर्माने व ब्याज में राहत दी जानी चाहिए।