जयपुर। राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच भाजपा की ओर से फोन टेपिंग मामले में सीबीआई जांच की मांग के बाद राजस्थान सरकार ने सोमवार को आदेश जारी कर दिया है कि सीबीआई को प्रदेश में जांच से पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी। ऐसे में कहा जा रहा है कि अब केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच टकराव की स्थितियां बन गई है।
नए आदेशों के अनुसार अब सीबीआई सीधे किसी केस की जांच नहीं कर सकेगी। सीबीआई को किसी मामले में जांच करनी हो तो उसे पहले राज्य सरकार से सहमति लेनी होगी। इस संबंध में गृह विभाग की ओर से एक अधिसूचना जारी कर दी गई, जिसमें परिस्थिति के अनुसार ही राज्य सरकार किसी केस पर जांच की सहमति देगी।
कहा जा रहा है कि इसी तरह की स्थिति बंगाल में भी बनी हुई है, जिसके कारण केंद्र और प्रदेश सरकार के बीच आए दिन टकराव की स्थिति बनी रहती है। इस आदेश के बाद राजस्थान सरकार ने भी सीबीआई को पूर्व में दी गई सभी सहमतियों को रद्द कर दिया है। कुछ विशेष मामलों में यह सहमति अभी भी बनी रह सकती है।
जानकारी के अनुसार कांग्रेस से बागी विधायकों की बातचीत के ऑडियो टेप उजागर होने के बाद भाजपा की ओर से कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा के खिलाफ दर्ज परिवाद पर एफआईआर दर्ज करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
कांग्रेसी नेताओं द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त में भाजपा का हाथ साबित करने के भी बयान दिए गए थे, जिसके चलते भाजपा ने भी फोन टेपिंग मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रखी है। यदि सीबीआई इस मामले की जांच करती है तो सरकार के सामने बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। ऐसे में बचाव की दृष्टी से सरकार ने यह अधिसूचना जारी की है।