मुम्बईराजनीति

दशहरा रैली के बहाने एक दूसरे पर जमकर बरसे उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे

मंगलवार, 24 अक्टूबर को दशहरा का दिन शिवसेना के दोनों धड़ों के शक्ति प्रदर्शन का रहा। शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने मंगलवार को अपनी-अपनी दशहरा रैलियों के बहाने एक बार फिर अपना-अपना शक्ति प्रदर्शन किया। शिवसेना (यूबीटी) ने इस मौके पर शिवाजी पार्क में दशहरा रैली का आयोजन किया तो आजाद मैदान में एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना ने रैली की।
मैं छत्रपति शिवाजी महाराज की गवाही देता हूं, शपथ लेता हूं, उनके सामने नमन करता हूं। मैं मराठा समुदाय को आरक्षण दूंगा :एकनाथ शिंदे
आजाद मैदान में दशहरा रैली में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण पर बड़ा बयान दिया। एकनाथ शिंदे ने दशहरा रैली में कहा कि वह पद की शपथ लेकर मराठा आरक्षण देंगे। बिना किसी के साथ अन्याय या किसी का आरक्षण छीने बिना , हमारी सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देगी। मैं मराठा समुदाय के लिए तब तक लड़ता रहूंगा जब तक एकनाथ शिंदे के खून में आखिरी बूंद नहीं आ जाती, सभी समुदाय के सदस्य हमारे हैं।
उद्धव ठाकरे की विश्वसनीयता पर खड़े किये सवाल
दशहरा रैली में बोलते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि 26 जुलाई 2005 की बाढ़ के दौरान बांद्रा में हर जगह पानी भर गया था। लेकिन मातोश्री में आप बालासाहेब को अकेला छोड़कर एक फाइव स्टार होटल में चले गए। आपने बालासाहेब को वहां मातोश्री पर पानी में छोड़ दिया, आप बालासाहेब के नहीं हो सकते, हमारा क्या होगा? इस पर विचार किए जाने की आवश्यकता है। इसके अलावा धर्मवीर आनंद दिघे ने एक बैठक में राज ठाकरे के बारे में दो अच्छे शब्द कहे क्योंकि वह इतनी मेहनत कर रहे हैं। तुरंत ही दिघे साहब के पंखों की छंटाई का काम शुरू हो गया। उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, मैं उसका गवाह हूं।
उद्धव ठाकरे भी बरसे जमकर
वहीँ दूसरी तरफ दशहरा रैली में शिवाजी पार्क से उद्धव ठाकरे शिंदे समूह और भाजपा पर जमकर बरसे।
उद्धव ने कहा कि रावण शिव का परम भक्त था, फिर भी उसके अहंकार ने उसकी जान ले ली। जब मैं मुख्यमंत्री था तो कभी भी पुलिस से प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने के लिए नहीं कहा गया। आज मराठा समुदाय के साथ बर्बरता की जा रही है। मौजूदा सरकार जनरल डायर सरकार है।
मिलीजुली सरकार की करी वकालत
उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब शासक की कुर्सी अस्थिर होती है, तो देश मजबूत हो जाता है। इस दौरान उन्होंने मिली-जुली सरकार की वकालत की। उद्धव ने मनमोहन सिंह, पीवी नरसिंह राव और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकारों का जिक्र किया। उन्होंने भाजपा को घेरते हुए कहा कि हमने एक मजबूत सरकार देखी। केंद्र हो या राज्य, हर जगह मजबूत सरकार होनी चाहिए, लेकिन प्रचंड बहुमत के साथ एक पार्टी की सरकार नहीं होनी चाहिए। इससे पहले शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अजित पवार और हसन मुश्ररिफ का हवाला दिया। उन्होंने भाजपा को जमकर खरीखोटी सुनाई।
ढाई लाख वड़ा पाव
बता दें कई दशहरा रैली के लिए तैयारियां जोर-शोर से की गई थीं । शिंदे समूह की रैली में आने वाले पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के लिए आजाद मैदान में भोजन की व्यवस्था की थी । रैली में आने वाले हर कार्यकर्ता को पानी की बोतल और खाने का पैकेट दिया गया। नाश्ते, दोपहर और रात के खाने के लिए पैकेट तैयार किए गए थे। इसके लिए टेंट की भी व्यवस्था की गई थी। प्रत्येक श्रमिक को आजाद मैदान पहुंचने पर वड़ा पाव का एक पैकेट और पानी की बोतल दी गयी। इस के लिए लगभग 2.5 लाख वड़ा पाव तैयार किए गए थे। सुबह, दोपहर और रात तीनों भोजन के लिए अलग-अलग मेनू रखा गया था ।

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