व्हाट्सएप ग्रुप पर दे रहे दूसरे परिचालकों को उडनदस्तों की सूचना
जयपुर। कई दशकों से राजस्थान रोडवेज घाटे में चल रहा है। वर्तमान सरकार ने रोडवेज को कुछ वित्तीय मदद कर फिर से सड़क पर लाने की कोशिश की है। ऐसे में जब अधिकारी रोडवेज के राजस्व में लीकेज के कारण तलाशने जुटे तो कर्मचारियों के हैरतअंगेज कारनामों की परतें खुलने लगी है। ताजा मामले में सामने आया है कि रोडवेज के कर्मचारी ही उसे गड्ढे में ढ़केलने में लगे हैं।
रोडवेज में चालक-परिचालकों की मिलीभगत से बिना टिकट सवारियां बिठाने के आरोप लंबे समय से लगते रहे हैं। इसे रोकने के लिए रोडवेज की ओर से आगार व मुख्यालय स्तर पर उडनदस्ते गठित किए गए हैं, जो बसों को रास्ते में रोक कर बिना टिकट यात्रियों को पकड़ने की कार्रवाई करते हैं, लेकिन इससे बचने के लिए भी तोड़ निकाल लिया गया है।
इस तरह लगा रहे चूना
आगार में कार्यरत चालक-परिचालकों ने अपने व्हाट्सएप ग्रुप बना रखे हैं। यदि किसी स्थान पर उडनदस्ते किसी बस को रोककर तलाशी लेते हैं तो उस बस के चालक-परिचालक द्वारा ग्रुप पर दस्ते की लोकेशन बता दी जाती है, जिससे बिना टिकट सवारी बिठाने के आदतन परिचालक सतर्क हो जाते हैं और बेटिकट यात्रियों के टिकट बना देते हैं।
वहीं दूसरे रूट के आदतन परिचालकों को भी पता चल जाता है कि दस्ता दूसरे रूट पर हैं तो वह आराम से बिना टिकट यात्री बिठाने लग जाते हैं। चालक-परिचालकों ने दस्ते की सूचना देने में सड़कों पर बने अनधिक्रत एसटीडी-पीसीओ बूथ संचालक और ढाबा मालिक भी अपने साथ मिला रखा है। ऐसे में लंबे समय से रोडवेज को राजस्व की दोहरी मार पड़ रही थी। रोडवेज की ओर से ऐसे परिचालकों को आदतन कहा गया है, जिससे पता चलता है कि लंबे समय से हर जगह इस तरह राजस्व को चूना लगाया जा रहा था।
अब होगी यह कार्रवाई
हाल ही में इस कारस्तानी की जानकारी रोडवेज के उच्चाधिकारियों को मिली तो उन्होंने इसे रोकने की कार्रवाई शुरू कर दी है। रोडवेज के सीएमडी नवीन जैन ने कहा कि केंद्रीय और आगार के उडनदस्तों की सूचना व्हाट्सअप ग्रुप पर अन्य बसों तक पहुंचाने वाले चालक-परिचालकों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं सूचना प्रसारित करने वाले अनधिक्रत लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
मिलेगा पारितोषिक
ग्रुप पर दूसरी बसों को आगाह करने वाले कर्मचारियों की पहचान कराने वाले लोगों को रोडवेज ने पारितोषिक देने का भी निर्णय किया है। जैन ने बताया कि सरकारी राजस्व को चूना लगाने वाले कर्मचारियों की जानकारी रोडवेज के कार्यकारी निदेशक (यातायात) के मोबाइल पर दी जा सकती है। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। सूचना सही पाए जाने पर सूचना देने वाले को समुचित पारितोषिक दिया जाएगा।
वित्त अधिकारियों को भी निर्देश
जैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्य प्रबंधक (वित्त) को भी साफ निर्देश दिए कि उनका काम सिर्फ कर्मचारियों का वेतन बनाना ही नहीं है, बल्कि राजस्व की निगरानी करना भी है। इसलिए वह प्रतिदिन संचालित बसों की आय व संचालन व्यय की निगरानी करें। महालेखाकार एवं आन्तरिक अंकेक्षण के मीमो का समय पर जवाब देकर रोड़वेज की स्थिति तथ्यात्मक रूप से स्पष्ट करें, आगार की प्रतिदिन की आय/राजस्व में एकरूपता लाने के लिए स्वयं प्रतिदिन जांच कर मिलान करें, हर माह बैंक रिकन्सिलेशन स्टेटमेन्ट्स अवश्य बनाएं जिससे पूरी स्थिति स्पष्ट दिखाई दे। जिन बसों के मार्ग निर्धारित है उनके टोलटैक्स के मासिक पास बनाकर डिस्काउन्ट से ज्यादा लाभ लें