मौसम में आए बदलाव का असर अस्पतालों में नजर आने लगा है। अस्पतालों में इस समय मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। श्वसन रोग संस्थान में अभी ओपीडी में मरीजों की संख्या 1000 के करीब है। डॉक्टरों का कहना है कि सर्दी के मौसम में जुखाम, खांसी, टीबी, श्वास संबंधी बीमारियां बढ़ती है। जिसके कारण इनकी संख्या में इजाफा हो जाता है। पिछले साल से अब तक करीब 1 लाख 36 हजार मरीज अस्पताल पहुंचे हंै। वहीं, दूसरे राज्यों से आने वाले मरीजों की बात की जाए तो 900 मरीज दूसरे राज्यों से इलाज कराने पहुंचे हैं।
श्वसन रोग संस्थान में ओपीडी की स्थिति (2023-24 के आंकड़े)
माह- मरीजों की संख्या
जनवरी- 8840
फरवरी- 10093
मार्च- 9901
अप्रैल- 9657
मई- 10450
जून- 9651
जुलाई- 10020
अगस्त- 11130
अक्टूबर- 12023
नवंबर- 10107
दिसंबर- 11539
जनवरी 2024- 12650
अस्पताल में बढ़ रही मरीजों की संख्या को लेकर श्वसन रोग संस्थान एचओडी डॉ. आशीष सिंह ने बताया कि अभी मौसम में अचानक बदलाव हो रहा है, जिसके कारण अचानक श्वास संबंधी मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो जाती है। अभी अस्पताल में ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी है। जो रूटिन से ज्यादा है। मरीज बढ़ने में मौसम में बदलाव तो एक कारण है कि इसके साथ ही धुंआ, पॉल्यूशन, धूल-मिट्टी के कारण भी श्वास के मरीजों में बढ़ोतरी हो जाती है। अभी टीबी के मरीजों में भी बढ़ोत्तरी हुई है।
टीबी के मरीज दवाई लेने भी पहुंच रहे अस्पताल
टीबी की दवा और जांच की सुविधा जिले में है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग केवल दवा लेने श्वसन रोग संस्थान पहुंच रहे हैं। डॉ आशीष सिंह ने बताया कि टीबी में मुख्यत कफ की जांच करनी पड़ती है। जिसके लिए दो तरह की जांचे होती है। सिंह ने कहा कि इसके लिए जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए रेफरल सिस्टम हो तो यहां मरीजों के दबाव को कम किया जा सकता है। पिछले साल से अब तक करीब 800 मरीजों की मौत सांस में तकलीफ के चलते हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि कई बार मरीज बहुत देरी से अस्पताल पहुंचता है, जिसके कारण मौत का आंकड़ा बढ़ता है।