जयपुर

छोटू राम ने भरी बड़ी उड़ान, एसीबी ने कतरे पर, 90 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया, महापौर ने लिखा था ठेकेदारों के भुगतान पर निगरानी के लिए पत्र, लेकिन एसीबी की निगम की सभी शाखाओं पर निगरानी

जयपुर। नगर निगम ग्रेटर के सहायक अग्निशमन अधिकारी छोटू राम ने बड़ी उड़ान भरने की कोशिश की थी, लेकिन सोमवार को एसीबी ने छोटूराम के पर कतर दिए। एसीबी ने छोटूराम और उसके वाहन चालक को 90 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

ब्यूरो के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि मुख्यालय के निर्देश पर एसआईडब्ल्यू इकाई ने यह कार्रवाई की। इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई थी कि फायर सिस्टम की एनओसी जारी करने के एवज में छोटूराम द्वारा चालक फतेह सिंह के मार्फत 90 हजार रुपए की रिश्वत मांग कर परेशान किया जा रहा है।

इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव नैन के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन कराया गया। शिकायत सही पाए जाने के बाद सोमवार को एसीबी की ओर से विश्वकर्मा फायर स्टेशन पर ट्रेप की कार्रवाई आयोजित की गई, जिसमें छोटूराम और फतेह सिंह फंस गए। एसीबी टीम ने इनसे रिश्वत की राशि बरामद कर ली है। एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एनएम ने बताया कि आरोपियों के आवास व अन्य ठिकानों की तलाशी ली गई और इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि नगर निगम जयपुर ग्रेटर महापौर सौम्या गुर्जर ने करीब एक महीने पूर्व ही ठेकेदारों को होने वाले भुगतान में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए एसीबी को पत्र लिखा था और एसीबी से भुगतान की निगरानी का आग्रह किया था। इसके बाद से ही एसीबी नगर निगम में सक्रिय है। एसीबी की ओर से न केवल ठेकेदारों के भुगतान का मामला बल्कि निगम की लगभग सभी शाखाओं की निगरानी की जा रही है। पत्र लिखे जाने के बाद निगम निगम की आयोजना शाखा में बड़ी कार्रवाई कर चुकी है। इसके बाद अग्निशम शाखा में यह कार्रवाई की गई है।

निगम सूत्रों का कहना है कि नगर निगम की हर शाखा में भ्रष्टाचार चरम पर है। यहां लोगों के सही कामों के एवज में भी मोटी रकम वसूली जाती है। निगम में आने वाले अधिकारी यहां सिर्फ कमाई के उद्देश्य से ही आते हैं और निगम को हॉट सीट माना जाता है। हर अधिकारी चाहता है कि वह निगम में ज्यादा से ज्यादा समय तक टिका रहे। ऐसे में यदि एसीबी निगम की निगरानी करती है तो निगम के भ्रष्टाचार पर काफी कुछ लगाम लग सकेगी।

महापौर के पत्र के बाद कहा जा रहा है कि इससे निगम का काम प्रभावित हो रहा है। यह सही है कि इस पत्र से काफी हद तक निगम का काम प्रभावित हो रहा है, लेकिन इस कार्रवाई का आगे चलकर जयपुर की जनता को काफी लाभ भी मिलेगा।

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