जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओ पर चिंता जताई है। गहलोत ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कई बार पूरा परिवार खत्म हो जाता है। इसकी पीड़ा वही महसूस कर सकता है जिसने हादसों में अपने प्रियजनों को गंवाया हो।
सड़क दुर्घटना में होने वाली प्रत्येक मौत विचलित करने वाली होती है। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष 10 हजार से अधिक व्यक्तियों की असामयिक मौत होना चिंता का विषय है। ऐसे में, हर व्यक्ति की जान को बचाना और सड़क दुर्घटनाएं रोकना राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता है।
गहलोत ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने तथा इनसे होने वाली जनहानि रोकने के लिए मुख्यमंत्री निवास पर उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क हादसे बेहद चिंतनीय हैं इनकी रोकथाम के लिए सड़क सुरक्षा नियमों की कड़ाई से पालना सुनिश्चित कराई जाए।
गहलोत ने निर्देश दिए कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आधुनिक तकनीकों और अन्य राज्यों में हुए नवाचारों का उपयोग करते हुए ओवरस्पीडिंग, ओवरलोडिंग, शराब पीकर वाहन चलाने आदि पर सख्त कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही घटिया हेलमेट की बिक्री पर प्रभावी रोक लगाएं।
ड्राइविंग लाइसेंस पूरे परीक्षण के बाद ही जारी किया जाए। सड़क हादसों पर रोकथाम के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बनाकर राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन संचालन को सुरक्षित बनाने की दिशा में पहल की जाए। लोगों को नियमों की पालना के लिए जागरूक किया जाए। उन्होंने प्रदेशवासियों से सड़क सुरक्षा नियमों की पालना करने की अपील की और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति वाहन चलाते समय नियमों की आवश्यक रूप से पालना करे। यह उनके जीवन की रक्षा के लिए बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि झुंझुनू के गुढा गौडज़ी क्षेत्र में हुए सड़क हादसे में 8 लोगों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं, ईश्वर उन्हें यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करें एवं दिवंगतों की आत्मा को शांति प्रदान करें। दुर्घटना में घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना है। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है कि हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हो गयी है। शोकसंतप्त परिजनों को ईश्वर इस कठिन समय में सम्बल प्रदान करें, दिवंगतों की आत्मा को शान्ति प्रदान करने की प्राथज़्ना करता हूं।