चीन ने एक बार फिर 26/11 हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में अड़ंगा लगा दिया। इस पर भारतीय राजनयिक प्रकाश गुप्ता ने चीन को लताड़ लगायी है। संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद-रोधी बैठक में तीखे शब्दों में बयान देते हुए, राजनयिक प्रकाश गुप्ता ने कहा कि वैश्विक आतंकवाद-विरोध से निपटने के लिए यह “कुछ गंभीर रूप से गलत है” कि विभिन्न सदस्य देशों का पूर्ण समर्थन होने के बावजूद प्रस्ताव पारित नहीं हो सका।
संयुक्त राष्ट्र के संयुक्त सचिव गुप्ता ने कहा, “अगर हम स्थापित आतंकवादियों को छोटे भू-राजनीतिक हितों के लिए वैश्विक आतंकवादी करार ही नहीं कर पा रहे हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र द्वारा निषिद्ध वैश्विक परिदृश्य में प्रतिबंधित किया गया है, तो हमारे पास वास्तव में आतंकवाद की इस चुनौती से लड़ने के लिए वास्तविक राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है।”
चीन का नाम लिए बिना, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों से खुद को सही साबित करने के लिए अच्छे आतंकवादियों बनाम बुरे आतंकवादियों जैसे “दोहरे मानकों “से बचने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, “एक आतंकी कृत्य एक आतंकी कृत्य है। किसी भी तरह के उद्देश्य की पूर्ती के लिए इसका इस्तेमाल किसी के द्वारा नहीं किया जाना चाहिए,” उन्होंने कहा।
भारत ने चलाई थी साजिद मीर की ऑडियो क्लिप
इससे पहले अक्तूबर 2022 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने मुंबई में साल 2008 में हुए आतंकी हमले के पाकिस्तानी कनेक्शन का खुलासा किया था। इसमें बताया गया कि आतंकियों के आका मुंबई हमले की साजिश रच रहे थे और कैसे उन्होंने आदेश देकर इस हमले को अंजाम दिलाया। यह आदेश देने वाला साजिद मीर था जो उस वक्त पाकिस्तान में बैठकर मुंबई में आए 10 आतंकियों को फोन पर निर्देश दे रहा था।
इस संबंध में भारत ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सामने एक ऑडियो क्लिप भी चलाई थी। ऑडियो क्लिप मुंबई के छबाड़ हाउस की है जहां साजिद मीर आतंकियों से कह रहा था, ‘जहां कहीं पर लोगों की मूवमेंट नजर आती है। कोई बंदा छत पर चल रहा हो या कोई आ रहा है या जा रहा है, उस पर फायर ठोको। उसे नहीं पता वहां क्या हो रहा है।’
बता दें कि चीन ने मंगलवार को पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के प्रस्ताव को प्रभावी ढंग से रोक दिया। किसी प्रस्ताव को अपनाने के लिए, उसे सभी सदस्य देशों की सहमति की आवश्यकता होती है। अगर मीर को एक वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव पारित किया गया होता, तो उसकी संपत्ति फ्रीज, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध के अधीन होता।