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छोटे-बड़े उद्योगों, पर्यटन क्षेत्र को मिलेगी 700 करोड़ की डोज

उद्यमों के लिए गठित टास्क फोर्स की अंतरिम रिपोर्ट पेश जयपुर। कोराना महामारी के कारण प्रदेश में बंद पड़े उद्योग धंधों को फिर से पटरी पर लाने के जल्द ही बड़ा पैकेज सामने आ सकता है। उद्यमों के लिए गठित टास्क फोर्स ने प्रदेश के लघु, सूक्ष्म, मध्यम व बड़े उद्योगों को विभिन्न योजनाओं में 700 करोड़ रुपए की राहत डोज की अनुशंषा की है।

टास्क फोर्स ने गुरुवार को मुख्य सचिव को अपनी रिपोर्ट पेश की। टास्क फोर्स ने टेक्सटाइल उद्योग को प्रोत्साहन, रीको व आरएफसी के ऋण किश्तों में ब्याज छूट व समयावधि बढ़ोतरी, उद्योगों के विद्युत शुल्क की माफी सहित राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना के लाभ का दायरा बढ़ाते हुए पर्यटन क्षेत्र को भी राहत प्रदान की है।

राज्य जीएसटी में छूट, पर्यटन इकाइयों के कार्मियों, गाइडों, महावतों को तीन माह का निर्वहन भत्ता, उद्योगों के लंबित भुगतान के निस्तारण के लिए चार के स्थान पर 9 सुविधा परिषदों का गठन, एमएसएमई इकाइयों के समयबद्ध भुगतान की मॉनेटरिंग, सरकारी खरीद प्रावधानों की क्रियान्विति सुनिश्चित करना, सिंगल विंडो सिस्टम को प्रभावी बनाने के प्रस्ताव दिए हैं।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री लघु उद्यम प्रोत्साहन योजना में अनुदानित ब्याज पर आधे प्रतिशत अनुदान की बढ़ोतरी, 10 एकड़ तक कृषि भूमि के औद्योगिक उपयोग के लिए भू-संपरिवर्तन की छूट सहित प्रदेश के उद्योग जगत को बड़ा संबल देने के लिए टास्क फोर्स ने महत्वपूर्ण अनुशंषाएं की।

टास्क फोर्स ने अपनी अनुशंषा में नए निवेश को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई इकाइयों की ही तरह बड़े उद्योगों की स्थापना भी आसान करते हुए उद्यमों के आरंभिक वर्षों में राज्य के विभिन्न एक्टों के तहत प्राप्त की जाने वाली स्वीकृतियों और निरीक्षणों से मुक्त करने का प्रस्ताव किया गया है।

केंद्र सरकार द्वारा मई में घोषित पैकेज को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों को अधिकाधिक लाभ दिलाने के लिए राज्य सरकार ने 2 जून को अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया था। अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना में इकाइयों के लंबित अनुदान की राशि का भुगतान आगामी 2 माह में करने पर अतिरिक्त 600 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा।

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