अलवर

नगर परिषद (City Council) अलवर (Alwar) की सभापति (chairperson) और उसका बेटा 80 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार (arrested), पार्षदों ने आतिशबाजी (fireworks) कर खुशियां जताई

जयपुर। एसीबी मुख्यालय के निर्देशों पर एसआईयू जयपुर इकाई ने सोमवार को अलवर में बड़ी कार्रवाई करते हुए अलवर(Alwar) नगर परिषद (City Council) की सभापति (chairperson) बीना गुप्ता को उनके बेटे कुलदीप गुप्ता के जरिए परिवादी से 80 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार(arrested) किया गया है। ट्रेप की इस कार्रवाई के बाद अलवर नगर परिषद के पार्षदों ने आतिशबाजी (fireworks) कर एसीबी कार्रवाई पर खुशियां जताई।

एसीबी के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि एसआईयू इकाई को परिवादी की ओर से शिकायत की गई थी कि अलवर नगर परिषद में उसकी फर्म द्वारा किए गए कार्यों के बिलों की कुल राशि के 50 फीसदी कमीशन के रूप में बीना गुप्ता द्वारा 3 लाख 50 हजार रुपए की रिश्वत मांग कर परेशान किया जा रहा है।

शिकायत के बाद एसआईयू इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बजरंग सिंह शेखावत के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन कराया गया। शिकायत के सत्यापन के बाद निरीक्षक रघुवीर शरण शर्मा और उनकी टीम ने ट्रेप आयोजित किया। परिवादी 80 हजार रुपए की रिश्वत लेकर अलवर में पीडब्ल्यूडी ऑफिस के पीछे गाय वालों के मोहल्ले में कुलदीप गुप्ता पुत्र पूरणमल गुप्ता के घर पहुंचा और सभापति बीना गुप्ता के लिए रिश्वत की रकम दी। इसी दौरान एसीबी टीम ने मकान पर रेड की और कुलदीप गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। बाद में बीना गुप्ता को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

उल्लेखनीय है कि एसीबी में शिकायत किए जाने से पूर्व परिवादी द्वारा आरोपियों को 1 लाख 10 हजार रुपए की रिश्वत दी जा चुकी थी। शिकायत सत्यापन के दौरान भी आरोपियों द्वारा परिवादी से 20 हजार रुपए की रिश्वत वसूल की गई थी। एसीबी के उप महानिदेशक दिनेश एमएन के निर्देशन में आरोपियों के आवास एवं अन्य ठिकानों की तलाशी ली जा रही है।

बूंदी में सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी गिरफ्तार
एक अन्य कार्रवाई में एसीबी की बूंदी इकाई द्वारा सरपंच जगदीश प्रसाद मीणा और ग्राम पंचायत अजेता जिला बूंदी के ग्राम विकास अधिकारी धनराज मीणा को परिवादी से 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। परिवादी द्वारा ग्राम पंचायत में किए गए कार्यों के बिल पास करने के एवज में सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी द्वारा 1 लाख रुपए की रिश्वत मांग कर परेशान किया जा रहा था।

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