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राजस्थान में लगातार सांप्रदायिक घटनाओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री गहलोत ने कानून व्यवस्था की समीक्षा की

गहलोत ने कहा आपराधिक तत्वों के विरूद्ध हो प्रभावी और निष्पक्ष कार्रवाई

  • सतर्क रहकर अपराधों पर हो प्रभावी नियंत्रण
  • अधिकारी स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर करें मौका निरीक्षण
  • मीडिया और सोशल मीडिया की सहायता से दी जाए तथ्यों की सही जानकारी
  • तकनीकी सर्विलांस का भी किया जाए उपयोग

जयपुर। प्रदेश के अलग—अलग शहरों में एक के बाद एक हो रही सांप्र​दायिक घटनाओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा की है। उन्होंने प्रदेश के साम्प्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने एवं असामाजिक तत्वों के विरूद्ध सख्त व निष्पक्ष कार्यवाही करने के निर्देश दिए और कहा कि पुलिस द्वारा प्रभावी कार्रवाई करने से कानून का इकबाल कायम होगा और जनता को राहत मिलेगी। इसके लिए सभी जिलों व संभागों में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी सतर्क रहकर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कार्य करें। अधिकारी राज्य में शांति एवं सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें।

बैठक में बताया गया कि 4 मई से अब तक पुलिस द्वारा साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाडने वालों के विरूद्ध ‘ऑपरेशन शिकंजा’ चलाकर 218 अपराधियों की गिरफ्तारी सहित कुल 1300 से अधिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। इस अभियान के तहत पूर्व में वांछित व साम्प्रदायिक घटनाओं में लिप्त तथा सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिकता फैलाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला अधिकारी जिला, उपखण्ड व तहसील स्तर पर अधिकारियों के साथ संयुक्त मौका निरीक्षण करें ताकि छोटी घटनाओं को और अधिक भड़कने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि रिपीट ऑफेन्डर्स व आदतन अपराधियों के विरूद्ध विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई की जाए। जरूरत पड़ने पर एनएसए, राजपासा व गुन्डा एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाए, ताकि आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय पैदा हो। उन्होंने कहा कि सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वाले तत्वों द्वारा फैलाई जाने वाली अफवाहों के बारे में लोगों को तत्काल तथ्यात्मक स्थिति से अवगत कराना चाहिए। इसके लिए सोशल मीडिया का प्रभावी इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने बीट कांस्टेबल स्तर पर वाट्सऎप पर ग्रुप बनाकर प्रबुद्धजनों व स्थानीय कार्मिकों को जोड़ने के भी निर्देश दिए।

गहलोत ने कहा कि पूरे देश में तनाव व अशान्ति का माहौल है। रामनवमी पर सात राज्यों में समान पैटर्न पर दंगे हुए, जिनके पीछे की गहरी साजिश की केन्द्रीय स्तर पर जांच कराने के लिए देश के गृहमंत्री अमित शाह से आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कहीं भी साम्प्रदायिक दंगा नहीं हुआ तथा तनाव की घटनाओं पर समय रहते नियंत्रण किया गया। उन्होंने हाल ही हुई सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सूचना तंत्र को सुदृढ़ कर प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में होने वाली प्रत्येक घटना की बिना किसी भेदभाव के गहराई से जांच की जाए तथा सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने के लिए शांति समिति, सीएलजी, पुलिस मित्र, ग्राम रक्षक व सुरक्षा सखियों के साथ अच्छा तालमेल करके कानून व्यवस्था में इनका प्रभावी उपयोग करें। ड्रोन व सीसीटीवी कैमरा आदि तकनीकी उपकरणों का उपयोग कर निगरानी तंत्र को और मजबूत किया जाए।

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