कांग्रेस ने राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल होने का निमंत्रण ठुकरा दिया है। कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले पर कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता ने आपत्ति जताई है। गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया ने एक्स पर आलाकमान के फैसले की आलोचना की। उन्होंने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के एक पोस्ट को टैग करते हुए कहा कि भगवान राम हमारे आराध्य हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का मामला है। राम मंदिर के मामले में कांग्रेस को राजनीतिक निर्णय नहीं लेना चाहिए। वहीं, एक अन्य कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि श्रीराम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती फैसला है, आज दिल टूट गया।
कांग्रेस ने निमंत्रण ठुकराते हुए दिया था यह कारण
बता दें, निमंत्रण ठुकराते हुए कांग्रेस ने कहा था कि यह भाजपा का राजनीतिकरण प्रोजेक्ट है। धर्म एक व्यक्तिगत मामला है। लेकिन भाजपा और संघ ने अयोध्या में राजनीतिक परियोजना बनाई है। भाजपा-आरएसएस के नेता अधूरे मंदिर का उद्घाटन कर रहे हैं। वह चुनावी लाभ के लिए यह सब कर रहे हैं।
कर्नाटक ने केंद्रीय नेतृत्व के फैसले का बचाव किया
कर्नाटक में राम मंदिर अभिषेक का जश्न मन रहा है। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में कर्नाटक सरकार ने आलाकमान के फैसले का बचाव किया। कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि हम सभी हिंदू हैं। मैं हिंदू हूं। मैं राम भक्त हूं। मैं हनुमान भक्त हूं। हम सभी यहां से प्रार्थना करते हैं। राम हमारे दिल में हैं। हमारे दिल में राजनीतिकरण के लिए कुछ भी नहीं है।
भाजपा ने की जमकर आलोचना
कांग्रेस के फैसले पर भाजपा आक्रमक हो गई। भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि कांग्रेस ने इतने वर्षों में राम मंदिर के लिए कोई कदम नहीं उठाया। कांग्रेस ने तो भगवान राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था। कांग्रेस अलाकमान साफ कर चुका कि वह अयोध्या नहीं जाएगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भगवान राम को काल्पनिक बताने वालों के लिए यह कोई नया फैसला नहीं है। कांग्रेस ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद के पुननिर्माण का वादा किया था। भगवान राम का बहिष्कार करने वाली कांग्रेस का अब जनता 2024 में बहिष्कार करेगी। मनोज तिवारी का कहना है कि त्रेतायुग का रावण भी अपना दिमाग खो चुका था।
previous post