जयपुर। कृषि कानूनों के विरोध और किसानों के समर्थन में विपक्षी दलों की ओर से आहूत भारत बंद का राजस्थान में मिलजुला असर दिखा। बंद को सरकार का समर्थन मिलने से प्रदेशभर में अधिकांश स्थानों पर बंद दिखाई दिया। इस दौरान बाजार, मंडियां बंद रहे। जयपुर में भी बंद का असर दिखा और और शहर के लगभग सभी बाजार बंद रहे। कई मंत्री और कांग्रेस कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने में जुटे रहे। इस दौरान थड़ी-ठेलों पर व्यापार चलता रहा। शाम पांच बजे बाद बाजारों में भी दुकानें खुलती दिखाई दी।
बंद के दौरान पूरी राजधानी में कई स्थानों पर तनाव का माहौल दिखा। परकोटे के बाजारों में कई बार भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता आमने-सामने हुए। दीनानाथजी के रास्ते में बंद कराने आए कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सामने भाजपा कार्यकर्ता आ गए और जमकर नारेबाजी होने लगी। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। ऐसे ही हालात पुरोहितजी के कटले में देखने को मिले और यहां भी बंद कराने आए लोगों को दुकानदारों ने खदेड़ दिया। शहर के बाहरी इलाकों में कई बाजारों में देखने को मिला कि जब कार्यकर्ता बंद कराने आते तो व्यापारी शटर डाउन कर देते, कार्यकर्ताओं के जाते ही फिर से शटर खोल कर व्यापार शुरू हो जाता।
बजाज नगर में कुछ युवकों ने दुकानें बंद कराने का प्रयास किया। इस दौरान व्यापारियों ने युवकों से कहा कि वह दबाव से दुकानें नहीं बंद करवा सकते हैं, लेकिन युवकों के दबाव को देखते हुए माहौल गर्मा गया और दुकानदारों और युवकों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। इस दौरान दुकानदारों ने कुछ युवकों की पिटाई भी कर दी, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत करवा दिया। सांगानेर में भी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पार्षदों और पूर्व पार्षदों ने ट्रेक्टरों पर बैठकर बाजारों को बंद कराया।
ट्रेक्टर पर खाचरियावास
बंद को सफल बनाने के लिए परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी सड़कों पर उतरे और उन्होंने ट्रेक्टर पर बाजारों में घूमकर दुकानें बंद करने की गुजारिश की। खाचरियावास ने सोढ़ाला, राम नगर, श्याम नगर और अजमेर रोड पर बाजारों में बंद का आह्वान किया। इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ता भी उनके साथ रहे।
मुहाना मंडी बंद रही
भारत बंद के दौरान प्रदेश के सबसे बड़ी फल और सब्जी मंडी मुहाना टर्मिनल मार्केट भी पूरी तरह से बंद रही। मंडी अध्यक्ष राहुल तंवर ने बताया कि मंडी के सभी आढ़तियों और मजदूरों ने भी बंद को समर्थन दिया। इस दौरान न तो आढ़त खुली और न ही वाहनों में फल और सब्जियों का लदान व उतराव हुआ।