राजनीति

राजस्थान में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का ‘डीएनए टेस्ट’, राहुल गांधी के ‘बीजेपी के लिए काम करने वालों को छांटो’ बयान के कुछ दिन बाद की कार्रवाई

नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा हाल ही में गुजरात कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं पर “बीजेपी के साथ मिलीभगत” का आरोप लगाने और यह कहने के बाद कि पार्टी को जरूरत पड़े तो ऐसे “20 से 30 लोगों” को हटाने के लिए तैयार रहना चाहिए, अब राजस्थान कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं की ‘निष्ठा परीक्षा’ (loyalty test) की घोषणा की है।
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि जिन वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की नसों में “कांग्रेस का खून” है, उन्हें सम्मानित किया जाएगा, जबकि ‘घुसपैठियों’ (ट्रोजन हॉर्स) को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। रंधावा ने कहा, “राहुल जी ने कहा था कि कांग्रेस में डीएनए देखा जाना चाहिए; कांग्रेस में ऐसे 30% लोग हैं। हम राजस्थान में डीएनए टेस्ट करेंगे।,”
उन्होंने बताया कि यह प्रयोग प्रदेश के वरिष्ठतम नेताओं तक को शामिल करेगा। जो कांग्रेस कार्यकर्ता प्रस्तावित बैठक में शामिल नहीं होंगे, उनके नाम सूची में जोड़े जाएंगे, और यह सूची बाद में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) को सौंपी जाएगी।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि पार्टी इस निष्ठा परीक्षण को किस तरीके से लागू करेगी। इस अजीबोगरीब ‘डीएनए टेस्ट’ की घोषणा पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
भाजपा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तंज कसते हुए लिखा, “कांग्रेसी लाइन में लग जाइए, आपकी पार्टी अब आपका डीएनए टेस्ट करवाएगी। राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा खुद इसकी घोषणा कर रहे हैं।”
राहुल गांधी का बयान और उसकी पृष्ठभूमि
इससे पहले मार्च की शुरुआत में गुजरात के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व और कार्यकर्ताओं में दो तरह के लोग हैं:
1. वे जो जनता के साथ ईमानदारी से खड़े हैं, संघर्ष करते हैं और जिनके दिल में कांग्रेस की विचारधारा है।
2. और वे जो जनता से कटे हुए हैं, सम्मान नहीं करते और जिनमें से आधे बीजेपी के साथ हैं।
राहुल ने कहा था कि “कांग्रेस को सबसे पहले इन दो समूहों को अलग करना होगा। अगर जरूरत पड़ी तो हम 40 नेताओं को हटा सकते हैं।”
राहुल गांधी ने संकेत दिया कि 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी के राज्य इकाई में बड़ा बदलाव किया जाएगा। उन्होंने कहा था, “जिला और ब्लॉक अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं के दिल में पार्टी होनी चाहिए, कांग्रेस उनके खून में होनी चाहिए। जीत और हार को एक तरफ रख दें। जैसे ही हम ऐसा करेंगे, गुजरात की जनता खुद पार्टी से जुड़ना चाहेगी और हम उनके लिए दरवाजे खोलेंगे।”

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