जयपुर। कोरोना जन आंदोलन के लिए नगर निगम जयपुर में आयोजित हुई अधिकारियो की बैठक में मंगलवार को कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ी। बैठक में नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। अधिकारियों ने खुद गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई, लेकिन जनता से वसूली का निर्णय ले लिया।
नगर निगम ग्रेटर के लालकोठी स्थित मुख्यालय के ईसी हॉल में बैठक का आयोजन शाम पांच बजे किया गया था। बैठक की अध्यक्षता नगर निगम हैरिटेज के आयुक्त लोकबंधु ने किया। निगम सूत्रों का कहना है कि हॉल में दोनों निगमों के 40 से अधिक अधिकारी शामिल हुए। बैठक में कोरोना गाइडलाइन के सबसे प्रमुख बिंदु सोश्यल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा गया और सभी अधिकारी पास-पास कुर्सियों पर बैठे। निगम के उच्चाधिकारियों का ध्यान भी इस गंभीर चूक की ओर नहीं गया। इस मामले में जब वरिष्ठ अधिकारियों से सवाल पूछे गए तो वह सवालों से भागते नजर आए।
हैरानी की बात यह है कि जब कोरोना संक्रमण के चलते सभी जगह वर्चुअल बैठकों का आयोजन हो रहा है, तो फिर नगर निगम में अधिकारियों का यह मजमा क्यों जुटाया गया? अधिकारियों को शहर की जनता के दोष तो दिखाई दिए, लेकिन अपनी गलती पर उनकी नजर नहीं पड़ी। यह सब तो तब है, जबकि नगर निगम में कोरोना संक्रमण के मामले थमते नजर नहीं आ रहे हैं। आए दिन कोई न कोई अधिकारी-कर्मचारी संक्रमण के कारण छुट्टियां लेकर घर बैठ रहे हैं।
गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए अधिकारियों ने शहर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण पर चर्चा की और तय किया कि निगम अब मास्क नहीं लगाने व गाइडलाइन की पालना नहीं करने पर शहर में चालान की संख्या बढ़ाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वह मास्क नहीं लगाने वाले लोगों के ज्यादा से ज्यादा चालान करें। इस दौरान स्वच्छ भारत मिशन और अन्य मामलों पर भी चर्चा की गई।