अस्पतालों में तड़पते मरीजों, ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर एक फैक्ट्री से दूसरी फैक्ट्री भागते परिजनों, शमशानों में लाशों की लंबी लाइनों और अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की कमी ने सरकारें हो या जनता सभी को वन और पर्यावरण (environment) का महत्व समझा दिया है। कोरोना महामारी ने बता दिया है कि पृथ्वी पर जीवन बचाने के लिए न सिर्फ वनों को बचाना है, बल्कि उन्हें बढ़ाना भी है। तभी तो सभी ओर से प्रयास शुरू हो गए हैं।
पर्यावरण दिवस (environment day) पर राजस्थान सरकार के वन विभाग की ओर से राजधानी जयपुर से सटे और पर्यटन (tourism) के लिए विश्व विख्यात आमेर कस्बे में ऑक्सीजन पार्क (oxygen park) की स्थापना की जाएगी, लोगों को शुद्ध ऑक्सीजन मिलने के साथ जंगली पशु-पक्षियों को आश्रय (shelter) मिल सके।
आमेर रेंज के रेंजर नरेश मिश्रा ने बताया कि आमेर में शिक्षक कॉलोनी के पास स्थित सियाराम डूंगरी के आस-पास की वन भूमि पर 2 हैक्टेयर में इस ऑक्सीजन पार्क के निर्माण की शुरूआत शनिवार को पर्यावरण दिवस पर की जाएगी। जंगली पशु-पक्षियों के लिए यहां एक वॉटर प्वाइंट भी बनाया जाएगा।
यहां 2 हैक्टेयर वन भूमि पर लगे विलायती बबूल के पेड़ों को शुक्रवार शाम तक उखाड़ दिया गया था। पर्यावरण दिवस पर यहां फायकस प्रजाति के 100 पेड़ों का रोपण किया जाएगा। इनमें बड़, पीपल, गूलर के पेड़ों के साथ-साथ कटहल, आंवला और आम के छह फीट ऊॅचे पेड़ भी लगाए जाएंगे। फायकस प्रजाति के पेड़ बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं। आम, आंवला, कटहल पेड़ मोर-बंदर जैसे जंगली पशु-पक्षियों को भोजन उपलब्ध कराने के साथ उनके आश्रय स्थल भी बन सकेंगे।
मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम में आमेर और रामगढ़ रेंज के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ कुछ स्थानीय लोगों और विभिन्न संगठनों का भी सहयोग रहेगा। कार्यक्रम को कोरोना गाइडलाइन के चलते उत्सव के रूप में नहीं मनाया जाएगा। कार्यक्रम में जो भी लोग शामिल होंगे, वह वृक्षारोपण के बाद चले जाएंगे। इन वृक्षों के पनपने तक वन विभाग इनकी देखरेख करेगा।
ऑक्सीजन पार्क जनसहयोग से बनाया जा रहा है। इसके निर्माण में बीएम बिरला एस्ट्रोनोलॉजिकल एंड कल्चरल ट्रस्ट का भी सहयोग रहेगा। इस अवसर पर रामगढ़ रेंज के रेंजर प्रेमशंकर मीणा, स्थानीय निवासी जगदीश प्रसाद पंचोली, बंसत शर्मा, गोपी शर्मा, ताराचंद सैनी, शिक्षक कॉलोनी विकास समिति के सदस्य उपस्थित रहेंगे।