जयपुर

जयपुर नगर निगम ग्रेटर में काम बंद राजनीति (politics) शुरू, महापौर (mayor) के कमरे में आयुक्त (commissioner) के साथ हाथापाई-गालीगलौच, कहीं महापौर को फिर बैकफुट में नहीं आना पड़ जाए

जयपुर नगर निगम ग्रेटर में शुक्रवार को जमकर हंगामा बरपा। महापौर (mayor) के कक्ष में आयुक्त commissioner) के साथ हाथापाई और गालीगलौच की नौबत आ गई। हंगामे के बाद कर्मचारियों ने ग्रेटर मुख्यालय में तालाबंदी कर दी और महापौर की गाड़ी को घेर लिया। मौके पर पहुंची पुलिस (police) ने बीच-बचाव करने की कोशिश की। कहा जा रहा है कि सरकार कांग्रेस और बोर्ड भाजपा का होने के कारण अब ग्रेटर में राजनीति शुरू हो गई है। इसका खामियाजा लंबे समय तक ग्रेटर की जनता को भुगतना पड़ेगा।

जानकारी के अनुसार जयपुर में डोर-टू-डोर सफाई कंपनी बीवीजी ने दो दिनों से हड़ताल कर रखी है। बीवीजी अपने बकाया भुगतान की मांग कर रही है। शहर में सफाई कार्य बंद होने के कारण महापौर सौम्या गुर्जर ने वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए अपने कक्ष में बैठक बुलाई थी। बैठक में भाजपा पार्षद भी शामिल रहे। इस दौरान आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव को भी बुलाया गया था, लेकिन बैठक में आरोप-प्रत्यारोप के दौर शुरू हो गए। हंगामे के बाद आयुक्त ने महापौर के पास लगे तीन होमगार्डों को निलंबित कर दिया।

शाम के समय हंगामेदार घटनाक्रम के बाद आयुक्त ने बयान दिया कि बैठक में उनके साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया, जिस पर वह महापौर के कमरे से बाहर आने लगे तो तीन पार्षदों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की। होमगार्डों ने उन्हें कमरे से बाहर नहीं निकलने दिया। आयुक्त ने तीन पार्षदों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही।

दूसरी ओर महापौर ने आयुक्त के सभी आरोपों को नकार दिया और ऐसी किसी भी घटना से इन्कार किया। महापौर ने आरोप लगया कि सस्ती लोकप्रियता के लिए आुयक्त द्वारा इस तरह का स्टैंड लिया जा रहा है। वह दबाव की राजनीति कर रहे हैं। महापौर ने आयुक्त पर बीवीजी कंपनी से सांठगांठ और कंपनी को फायदा पहुंचाने के आरोप भी लगाए और कहा कि यदि निगम सफाई नहीं करेगा तो हमारे पार्षद सड़कों पर उतरेंगे और सफाई करेंगे।

सफाई कर्मचारी यूनियन ने की हड़ताल की घोषणा
हंगामे के बाद नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और आयुक्त के पक्ष में खड़े हो गए। उन्होंने आरोपी पार्षदों की गिरफ्तारी की मांग करने के साथ ही नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल की घोषणा कर दी। बीवीजी के बाद सफाई कर्मचारियों की हड़ताल की घोषणा से शहर की सफाई का बंटाधार होना तय माना जा रहा है।

पार्षदों की पहचान के लिए सीसीटीवी का सहारा
निगम सूत्रों का कहना है कि इस घटना के बाद मारपीट के आरोपी पार्षदों की पहचान के लिए सीसीटीवी कैमरों का सहारा लिया जा रहा है और महापौर कक्ष के सभी कैमरों की रिकार्डिंग खंगाली जा रही है। आरोपित पार्षदों को रोकने के लिए कर्मचारियों की ओर से निगम के सभी दरवाजे बंद करा दिए गए थे, लेकिन दरवाजे बंद कराए जाने से पहले ही यह पार्षद महापौर कक्ष के पीछे की खिड़की से तुरंत बाहर चले गए थे।

सरकार से पार्षदो के निलंबन की मांग कर सकते हैं आयुक्त
निगम सूत्रों का कहना है कि इस हंगामे के बाद आयुक्त यज्ञमित्र सिंह महापौर के कमरे में साफ कह दिया कि मारपीट करने वाले पार्षदों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराके पहले उन्हें गिरफ्तार कराऊंगा बाद में सरकार से इन पार्षदों के निलंबन भी कराऊंगा। ऐसे में कहा जा रहा है कि जब तक वह आयुक्त के पद पर हैं, बोर्ड को उनसे काम कराना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि अब आयुक्त और महापौर के बीच खुली जंग शुरू हो गई है।

महापौर को फिर आना पड़ सकता है बैकफुट में
कहा जा रहा है कि विद्याधर नगर में कच्ची बस्ती उजाड़ने के मामले में महापौर ने आयुक्त को घेरने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाई। बाद में महापौर को ही इस मामले में बैकफुट में आना पड़ा और महापौर पर हमले बंद करने पड़े थे, लेकिन इस हंगामे के मामले में आयुक्त द्वारा पार्षदों के निलंबन की मांग करते ही फिर महापौर को बैकफुट में आना पड़ सकता है।

यदि वह इस मामले में माफी मांग कर बैकफुट में नहीं आती है और सरकार पार्षदों का निलंबन करती है तो यह महापौर के राजनीतिक कैरियर पर बड़ा दाग साबित होगा और भविष्य में उनके कैरियर पर असर डालेगा।

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