जयपुर। मानवीय संवेदना और आमजन की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार और चिकित्सा विभाग ने कोविड संक्रमित मरीजों की मौत के बाद उनकी देह को परिजनों को सौंपने और पूरे मेडिकल प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार कराने के निर्देश दिए हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि आमजन की मंशा को जानकर मुख्यमंत्री ने कोविड संक्रमितों की देह को उनके परिजनों को सौंपने और पूर्ण सावधानी के साथ अंतिम संस्कार कराने के निर्देश विभाग को दिए हैं। ऐसे में आमजन को पूर्ण सावधानी बरतनी होगी।
विशेषज्ञों के अनुसार कोविड का संक्रमण ड्रॉपलेट्स के जरिए होता है, यदि मृतक देह को निर्धारित प्रोटोकॉल के साथ समुचित सावधानियां अपनाते हुए संभाला जाए तो मृतक देह से कोविड संक्रमण के फैलने के कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।
शर्मा ने बताया कि दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक मृतक की कोविड जांच करवाना जरूरी नहीं है। उसी व्यक्ति की कोविड जांच की जाए जिनकी मृत्यु आईएलआई या एसएआरआई लक्षण से हुई हो। जांच रिपोर्ट के बिना भी मृतक का देह परिजनों को दी जा सकती है।
प्रत्येक मृतक का शव परीक्षण (पोस्टमार्टम) करना भी जरूरी नहीं है। यदि किन्हीं विशेष कारणों से शव परीक्षण किया जाए तो संक्रमण को रोकने के लिए विशेष रूप से भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की पालना के अनुसार किया जाए।
प्रोटोकॉल के अनुसार पारदर्शी बैग में संबंधित मरीज की जानकारी अंकित कर परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दी जाएगी। मृतक देह की सूचना के बारे में भी परिजनों को ही जिला प्रशासन को सूचित करना होगा। यदि कोई व्यक्ति कोविड से ग्रसित व्यक्ति की देह नहीं लेना चाहते तो अस्पताल और स्थानीय निकाय द्वारा उनका अंतिम संस्कार कराया जा सकता है।
शर्मा ने बताया कि मृतक के अंतिम दर्शन का भी प्रोटोकॉल तय किया गया। शव को छूना, लिपटना, चूमना प्रतिबंधित रहेगा। अंतिम संस्कार में 20 व्यक्तियों से ज्यादा नहीं होने चाहिए। अंतिम संस्कार के दौरान पीपीई किट, दस्ताने, मास्क, सामाजिक दूरी सहित अन्य प्रोटोकॉल की पूर्णतया पालना करना आवश्यक है। मृतक देह को एक जिले से दूसरे जिले में ले जाने के लिए किसी अनुमति की आवश्कता नहीं होगी।