जयपुर नगर निगम ग्रेटर में बरपे हंगामे के बीच सोमवार को एसीबी (ACB)ने नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज में ट्रेप की कार्रवाई को अंजाम दिया। इस कार्रवाई के बाद चर्चाएं शुरू हो गई है कि क्या भ्रष्टाचार (corruption) कि विरुद्ध (against) अभियान चलाकर एसीबी प्रदेश की जनता के साथ छल तो नहीं कर रही है।
निगम सूत्रों का कहना है कि ग्रेटर और हैरिटेज में इन दिनों डोर-टू-डोर सफाई कंपनी की हड़ताल के बाद से ही हंगामा बरपा है। इसी कंपनी के चलते ग्रेटर में आयुक्त के साथ बदसलूकी हो गई, महापौर और तीन पार्षदों को निलंबित कर दिया गया। महापौर आयुक्त और कंपनी पर खुलकर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है। निगम में भ्रष्टाचार को लेकर महापौर पहले ही एसीबी को पत्र लिख चुकी है। पूर्व पार्षद अनिल शर्मा और धर्म सिंह सिंघानिया ने कंपनी के खिलाफ एसीबी में परिवाद दर्ज करा रखा है, लेकिन एसीबी निगम में जाल बिछाकर छोटी-छोटी मछलियों को पकड़ने में लगी है।
सूत्र कह रहे हैं कि बीवीजी कंपनी के मामले को निगम में सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है, लेकिन अभी तक एसीबी ने बीवीजी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की कोई जहमत नहीं उठाई। तो क्या यह माना जाए कि एसीबी सिर्फ दिखावे के लिए काम कर रही है? एसीबी को बीवीजी कंपनी की जांच करने से गुरेज क्यों है, जबकि इस कंपनी को जयपुर की सफाई व्यवस्था में सबसे बड़ा कोढ़ माना जा रहा है। यदि एसीबी इस कंपनी के कारनामों की जांच करे तो शायद अभी हो रही राजनीति पर लगाम लग जाए।
नगर निगम हेरिटेज एवं ग्रेटर में एसीबी की कार्रवाई
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यालय के निर्देश पर एसीबी की एसआईयू जयपुर इकाई द्वारा सोमवार को नगर निगम ग्रेटर के पशुधन सहायक जितेंद्र वर्मा तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजकुमार तेजवानी को परिवादी से 4500 रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
एसीबी के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया की एसीबी, एसआईयू, जयपुर इकाई को परिवादी द्वारा स्लॉटर हाउस नगर निगम हेरिटेज, जयपुर में बकरों का वध किए बिना ही 5 रुपए की रसीद काटकर 50 रुपए की राशि लिये जाने की सूचना एवं नगर निगम ग्रेटर में भी अन्य अनियमितताओं की शिकायत की गई थी।
जिस पर एसीबी की एसआईयू जयपुर इकाई द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बजरंग सिंह शेखावत के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया जा कर टीम द्वारा ट्रेप कार्रवाई करते हुए जितेंद्र वर्मा, राजकुमार तेजवानी को 4500 रुपए की रिश्वत राशि और शराब की एक बोतल परिवादी से लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। इस दौरान नगर निगम हेरिटेज जयपुर के कनिष्ठ सहायक अनिल शर्मा तथा स्लॉटर हाउस ठेकाकर्मी अब्दुल कलीम को भी अवैध रिश्वत प्राप्त करने में मिलीभगत करने पर गिरफ्तार किया गया।
एसीबी की कार्रवाई के तहत नगर निगम जयपुर हेरिटेज के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ कमलेश मीणा एवं उपायुक्त पशु प्रबंधन नगर निगम ग्रेटर, जयपुर आभा बेनीवाल की भी संदिग्ध भूमिका की जांच की जाएगी। अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन के निर्देशन में आरोपियों के निवास एवं अन्य ठिकानों की तलाशी जारी है।