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दबाव पॉलिटिक्स जारी, कांग्रेस ने दिया धरना

जयपुर। प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संग्राम में अब दबाव पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। विधानसभा सत्र नहीं बुलाने के राज्यपाल के फैसले के बाद राजभवन में विधायकों ने धरना दिया। शनिवार को राज्यपाल के फैसले से नाराज कांग्रेसियों ने प्रदेशभर में धरने-प्रदर्शन का आयोजन किया गया और यह संदेश देने की कोशिश की गई कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई तो एक इशारे पर प्रदेशभर के कांग्रेसी जयपुर भी पहुंच सकते हैं।

राजधानी में जयसिंह हाइवे स्थित एनएसयूआई कार्यालय में कांग्रेस की ओर से धरना दिया गया। हजारों की संख्या में कांग्रेस, एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने धरने में हिस्सा लिया और प्रदेश सरकार को गिराने का षडयंत्र रचने वाली भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

परिवहन मंत्री और शहर जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास के नेतृत्व में धरने का आयोजन किया गया। धरने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत समेत शहर कांग्रेस के कई नेता शामिल हुए। अपने भाषणों में वक्तओं ने भाजपा और कांग्रेस से बागी हुए सचिन पायलट के खिलाफ जमकर जहर उगला।

इस दौरान राजभवन की ओर से दबाव में की जा रही कार्रवाई की भी निंदा की गई और मांग की गई कि राज्यपाल जल्द से जल्द विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला दें। वक्तओं ने भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर ही प्रदेश में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है, जो पूरी तरह से विफल रहेगी।

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह धरने आयोजित कर कांग्रेस ने साफ संदेश दे दिया है कि यदि जरूरत पड़ी तो जयपुर में भी भीड़ इकट्ठा की जा सकती है। जो कांग्रेसी नेता प्रदेशभर में धरने दे रहे हैं, वह एक इशारे पर उठकर जयपुर भी पहुंच सकते हैं। कांग्रेस ने इन धरनों से भाजपा को भी साफ संदेश दे दिया है कि यदि वह सरकार गिराने के अपने मंसूबों से बाज नहीं आए तो कांग्रेस प्रदेश की सड़कों पर उतरकर संग्राम भी कर सकती है।

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