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राजस्थान में गर्मियों में पेयजल प्रबंधन, जल स्रोतों की जांच के लिए चलाया जाएगा अभियान

जयपुर। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) द्वारा आगामी गर्मियों में प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनता को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल स्रोतों की सघन जांच का अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत जलदाय विभाग के अधिकारी स्वच्छ जलाशयों, उच्च जलाशयों, जल भंडारण स्रोत, ट्यूबवेल एवं हैंडपम्प आदि का निरीक्षण कर मौके पर आवश्यकतानुसार सुधारात्मक उपाय करेंगे।

जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के आमजन की ग्रीष्मकाल में पेयजल आवश्यकताओं के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में निर्धारित समय पर निर्बाध पेयजल आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए पीएचईडी द्वारा काफी समय से अग्रिम तैयारियां की जा रही है, जिसमें सभी जिलों में कंटीजेंसी प्लान के लिए 50-50 लाख रुपये की मंजूरी तथा विशिष्ट क्षेत्रों में जल परिवहन की राशि स्वीकृत करने जैसे कई अहम कदम उठाए गए हैं। डॉ. जोशी ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को पेयजल की गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं करने के लिए पाबंद किया गया है। इसके लिए गर्मियों के पूरे सीजन में जारी रहने वाले विशेष अभियान में जल स्रोतों का क्लोरीनेशन एवं डिसइंफेक्शन (कीटाणुशोधन) होगा और निर्धारित नॉर्म्स के अनुसार ट्रीटमेंट प्लांट, डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम एवं उपभोक्ताओं के यहां से पेयजल के नमूने लेकर उनकी प्रयोगशालाओं में जांच की जाएगी।

पीएचईडी की ओर से प्रदेश के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं तथा सर्किल स्तर पर अधीक्षण अभियंताओं को विशेष अभियान के तहत अपने क्षेत्राधिकार में पेयजल वितरण तंत्र के लीकेजेज को दुरुस्त करने के साथ ही भूतल जलाशय, स्वच्छ जलाशय एवं भंडारण स्रोतों की साफ-सफाई और रखरखाव के सम्बंध में प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान ट्यूबवेल एवं हैंडपम्प सहित अन्य जल स्रोतों से भी नमूने लेकर उनको विभागीय प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। विभागीय इंजीनियर्स की टीम चीफ केमिस्ट तथा जिला प्रयोगशालाओं में पदस्थापित कैमिस्ट विंग के रसायनज्ञों के साथ समन्वय से इस सम्बंध में आवश्यक कार्यवाही करेगी।

फील्ड में कार्यरत सहायक अभियंता (एईएन) एवं कनिष्ठ अभियंताओं (जेईएन) को निर्देश दिए गए हैं कि अगर किसी स्रोत से पेयजल की गुणवत्ता से सम्बंधी कोई प्रकरण प्राप्त हो तो वे स्वयं मौके पर जाकर वस्तुस्थिति के अनुसार तत्काल उसके समाधान की कार्यवाही करेंगे। सभी अधिकारियों को ब्लीचिंग पाउडर तथा लिक्विड क्लोरीन का पर्याप्त स्टॉक रखने तथा टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति में भी स्रोत की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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